रांची वेटनरी कॉलेज के विद्यार्थियों ने हासिल की जेआरएफ फेलोशिप

झारखंड शिक्षा
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रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय अधीन संचालित रांची वेटनरी कॉलेज के 4 विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित ऑल इंडिया एंट्रेंस एग्जामिनेशन फॉर एडमिशन (एआईईईए) – पीजी परीक्षा 2020 में पात्रता हासिल है। इसका आयोजन नई दिल्‍ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) करता है।

कॉलेज के बीवीएससी (आनर्स) पाठ्यक्रम सत्र 2015-20 की टॉपर हजारीबाग निवासी निकिता सिंह को रॉयल वेटनरी कॉलेज, यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन में दाखिला मिल गया है। इसी बैच के 4 विद्यार्थी आईसीएआर एआईईईए (पीजी) परीक्षा में सफल घोषित किये गये है। सेकेंड टॉपर गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) निवासी सुधीर सिंह को अखिल भारतीय स्तर पर वेटनरी साइंस वर्ग के अनारक्षित श्रेणी में 25वां स्थान मिला है। उनका चयन पीजी इन वेटनरी माइक्रोबायोलॉजी के लिए हुआ है।

जमशेदपुर की रहने वाली अलोना संगम को वेटनरी साइंस के अनारक्षित श्रेणी में 280वां एवं अनु जा श्रेणी में 10वां स्थान मिला है। उन्हें पीजी इन वेटनरी माइक्रोबायोलॉजी में नामांकन मिला है। मो रेहान अहमद रजा को अनारक्षित श्रेणी में 26वां स्थान मिला है। उन्हें पीजी इन पशु उत्पादन एवं प्रबंधन विषय में मौका मिला है।

ऊपर रेहान अहमद रजा, नीचे अलोना संगम, दायें न‍िक‍िता स‍िंं

जयपुर निवासी छात्रा चित्रा जुनिवाल को अनारक्षित में 300वां एवं अनु जा श्रेणी में 24वां स्थान मिला है। इनका चयन पीजी इन पशुधन अर्थशास्त्र विषय में हुआ है। सभी 4 छात्रों का चयन देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टिट्यूट (आईवीआरआई), इज्जतनगर के लिए हुआ है।

बताते चले कि हर वर्ष पूरे देश के कृषि विश्वविद्यालयों के मास्टर डिग्री प्रोग्राम में नामांकन के लिए आईसीएआर के आधिकारिक प्राधिकरण द्वारा अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। इस प्रवेश परीक्षा के अखिल भारतीय मेधा सूची के आधार पर देश के कृषि विश्वविद्यालयों में छात्रों का नामांकन होता है। सभी सफल छात्रों को आईसीएआर द्वारा जेआरएफ फेलोशिप प्रदान की जाती है।

इस सफलता पर डीन वेटनरी डॉ सुशील प्रसाद सहित डॉ एमके गुप्ता, डॉ जगरनाथ उरांव, डॉ आलोक कुमार पांडेय, एसोसिएट डीन (डेयरी टेक्नोलॉजी) डॉ संजय कुमार एवं अन्य सभी शिक्षकों ने खुशी जाहिर की। विद्यार्थियों के मंगलमय भविष्य की कामना की है।

कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि झारखंड के छात्र काफी मेधावी है। विवि में क्वालिटी एजुकेशन के लिए नियमित शिक्षकों से रिक्त पदों को भरा जाना समय की मांग है। इससे अधिक सुखद परिणाम देखने को मिलेगा। विवि की गरिमा स्थापित की जा सकेगी।