कभी मुश्किल से चलता था घर, आज स्‍कॉर्पियो की है मालकिन

झारखंड
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  • हर महीने कमा रही है 60 हजार रुपये

आनंद कुमार सोनी

लोहरदगा। कभी घर चलाने में मुश्किल होती थी। आज स्‍कॉर्पियो की मालकिन है। हर महीने करीब 60 हजार रुपये कमा रही है। यह कहानी लोहरदगा जिले के सेन्हा प्रखंड की बदला पंचायत की रहनेवाली 36 वर्षीय फुलझरी देवी की है। फुलझरी ने खुद के होटल का दायरा बढ़ाया। मत्स्य पालन और कुक्कुट पालन योजना से जुड़ने के बाद उसकी कमाई से खुद का स्कॉर्पियो खरीद कर उसे भाड़े में लगाया। आज फुलझरी देवी अपनी कमाई की बदौलत अपने दो बच्चों बेहतर शिक्षा दे पा रही है।

मुश्किल से चलता था घर का खर्च

फुलझरी देवी आर्थिक रूप से सशक्त होने से पहले वर्ष, 2004 से ही अपने घर के पास एक छोटा सा होटल चलाती थीं। घर का खर्च मुश्किल से चल पाता था। हालांकि महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद अब उसके पास काम और नियमित आय की कमी नहीं है। आज होटल से अच्छी आमदनी हो जाती है।

महिला मंडल से 60 हजार लोन लिया

वर्ष 2015 में फुलझरी ने एलआरएलएम कार्यक्रम के जरिये जेएसएलपीएस से जुड़ने का निर्णय लिया। एनआरएलएम से जुड़ने के बाद समूह को आर्थिक सहायता के रूप में आरएफ और सीआइएफ की राशि प्राप्त हुई। फुलझरी दीदी ने अपने होटल से आमदनी बढ़ाने के लिए महिला मंडल से वर्ष 2016 में 60 हजार रुपये लोन लिया। होटल के व्यवसाय को वृहद रूप दिया।

मत्स्य पालन और अपना वाहन

होटल की स्थिति सुधारने के बाद फुलझरी ने दूसरे व्यवसाय की भी ओर अपना रुख किया। मत्स्य पालन के लिए वर्ष, 2017 में महिला मंडल से 10 हजार रुपये का लोन लिया। स्वयं के तालाब में मछली का जीरा डाला, जिससे एक वर्ष में 90 हजार रुपये की आमदनी हुई। होटल और मछली के व्यवसाय के बाद फिर से, 2018 में 50 हजार रुपये लोन लिया और खुद की स्कॉर्पियो खरीदी। फुलझरी इस स्कॉर्पियो को भाड़े में लगाकर 20 हजार रुपये महीने की आमदनी कर रही है।

कुक्कट पालन भी किया शुरू

फुलझरी ने अपने ही अगुवाई में गुलाब महिला मंडल की शुरुआत की थी। वर्ष, 2020 के अंत तक समूह ने 4 लाख 30 हजार रुपये के निवेश से पोल्ट्री फार्म खोले हैं। इसमें एक हजार चूजा डाला गया है, जिसके बाद कार्य प्रगति पर है।