जनजाति क्षेत्रों में शिक्षा का नया उद्घोष करेगा एकलव्य मॉडल विद्यालय : अर्जुन मुंडा

झारखंड शिक्षा
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सरायकेला-खरसावां। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा और झारखंड के आदिवासी कल्याण सह परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने 3 जुलाई को सरायकेला जिले के राजनगर प्रखंड अंतर्गत खैरबानी में एकलव्य आवासीय विद्यालय की आधारशिला रखी। इस मौके पर स्थानीय सांसद गीता कोड़ा भी मौजूद थी। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने देशभर में 452 नए स्कूल स्थापित करने का निर्णय लिया है।

बेहतरीन शिक्षा दीक्षा प्रदान की जाएगी

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जनजातीय बहुल क्षेत्रों में एकलव्य विद्यालय शिक्षा में क्रांति लाएगा। शिक्षा के क्षेत्र में नए उद्घोष के साथ जनजातीय क्षेत्र के युवाओं को एकलव्य मॉडल विद्यालयों में बेहतरीन शिक्षा दीक्षा प्रदान की जाएगी। सरकार ने 2018-19 के केंद्रीय बजट में घोषणा की थी कि 50 प्रतिशत से अधिक एसटी आबादी और कम से कम 20,000 आदिवासी आबादी वाले प्रत्येक ब्लॉक में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय होगा।

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित

मुंडा ने कहा कि नवोदय विद्यालय के तर्ज पर एकलव्य स्कूलों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जायेगा। इसके तहत राज्य में एक पहचाने गए व्यक्तिगत खेल और एक समूह के खेल के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। खेल के लिए इन सीओई में भारतीय खेल प्राधिकरण के मानदंडों के अनुसार अत्याधुनिक प्रशिक्षण, विशेष प्रशिक्षण, बोर्डिंग और ठहरने की सुविधा, खेल किट, खेल उपकरण, प्रतियोगिता प्रदर्शन, बीमा, चिकित्सा व्यय आदि के साथ-साथ अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होगी।

480 छात्रों को मिलेगी विद्यालय में शिक्षा

राजनगर में प्रस्तावित एकलव्य मॉडल विद्यालय में 480 छात्र छात्रों को शिक्षा प्रदान की जाएगी। दिन में 240 छात्र और 240 छात्राएं शामिल होंगी। नामांकन प्रक्रिया कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक होगा।

राज्‍य की पूरे देश में अलग पहचान बनेगी

झारखंड के परिवहन मंत्री ने आदिवासी बहुल क्षेत्र में एकलव्य विद्यालय स्थापित किए जाने को मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि एकलव्य मॉडल विद्यालय की स्थापना होने से इस क्षेत्र का ना सिर्फ राज्य, बल्कि पूरे देश में एक अलग पहचान भी स्थापित होगा।

केंद्र सरकार ने जनजातीय समुदाय के बच्चों को बहुआयामी शिक्षा देने के वास्ते एकलव्य विद्यालय का प्रारूप प्रस्तुत किया है, जिस पर देशभर में काम शुरू हुआ है।

विद्यार्थियों का स्‍कूल तक पहुंचना जरूरी

इस मौके पर मौजूद सांसद श्रीमती गीता कोड़ा ने कहा कि एकलव्य विद्यालय स्थापित होने के साथ यह भी सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा कि बच्चे स्कूल तक पहुंचे। कोरोना काल में देखा गया कि तकनीकी रूप से शिक्षित नहीं होने के कारण झारखंड के आदिवासी बहुल क्षेत्र के लोगों को दूसरे राज्यों में शरण लेना पड़ा। तकनीकी रूप से जानकार नहीं होने के चलते उन्हें फिर वापस लौटना पड़ा हैं। ऐसे में इस विद्यालय के स्थापित होने से एक बेहतर प्रयास होगा।

बच्‍चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाएगी

जनजातीय मंत्रालय अंतर्गत राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम के चेयरमैन असित गोपाल ने कहा कि इन आवासीय विद्यालयों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जायेगी, ताकि उनका सर्वांगीण विकास हो सके।