रेलकर्मियों को कोरोना वारियर्स का दर्जा दिलाने 7 जून को चलेगा ट्वीट अभियान

झारखंड
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  • कोरोना से मृत रेलकर्मी के परिवार को मिले 50 लाख रुपये मुआवजा

धनबाद। रेलकर्मियों को कोरोना वारियर्स का दर्जा दिलाने के लिए 7 जून को ट्वीटर पर अभियान चलेगा। इसके माध्‍यम से कोरोना से मृत रेलकर्मी के परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग भी की जाएगी। ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष सह धनबाद मंडल के पीएनएम प्रभारी डीके पांडेय ने यह जानकारी दी।

अध्‍यक्ष ने बताया कि 7 जून को रेलकर्मचारियों को कोरोना वारियर्स घोषित करने की मांग को लेकर रेलकर्मी बड़ी संख्या में ट्विटर पर ट्वीट करेंगे। इसे प्रधानमंत्री कार्यालय सहित रेलमंत्रालय को हैशटैग करेंगे। उन्होंने बताया कि कोरोना महाआपदा के दौरान पिछले एक वर्षों से भी अधिक समय से अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना रेलकर्मचारी देशहित में पूरे समर्पित भाव से अपने कर्तव्य का पालन कर रहे हैं। स्पेशल ट्रेन और आवश्यक भोजन सामग्रियों एवं दवा ही नहीं, प्राणवायु ऑक्सीजन कंटेनरों के भी परिचालन में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।

पांडेय ने कहा कि कोरोना से बचाव के महासंग्राम में बहुत से साथियों ने अपने जीवन को भी न्योछावर कर दिया है। 2000 से अधिक रेलकर्मी शहीद हुए हैं। इनके बावजूद भी केंद्र सरकार ने रेलकर्मियों को ‘फ्रंटलाइन कर्मचारी’ या ‘कोरोना वारियर्स’ घोषित नहीं किया है, जबकि प्रधानमंत्री और रेलमंत्री ने भी रेलकर्मचारियों की अद्भुत क्षमता और सेवा की सराहना की है। हालांकि आधिकारिक घोषणा के अभाव में रेलकर्मचारियों को वह लाभ नहीं मिल पा रहा है, जो अन्य घोषित फ्रंटलाइन कर्मचारियों को उपलब्ध हो रहा है।

अध्‍यक्ष ने कहा कि ऐसे परिदृश्य में ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन के आह्वान पर सरकार की इस एकपक्षीय नीति के खिलाफ और रेलकर्मचारियों को भी ‘कोरोना वारियर्स’ घोषित करने, कोरोना संक्रमण से शहीद हुए हुए कर्मचारी के आश्रितों को 50 लाख रुपये की मुआवजा राशि देने और अन्य सुविधा उपलब्ध कराने की मांग को लेकर 7 जून, 2021 को बड़ी संख्या में ट्विटर अकाउंट पर #TreatRailwayMenFrontlineWorker पोस्ट करेंगे। इस संदेश को @PMOIndia@RailMinIndia@MoHFM_INDIA@PiyushGoyal@ShivaGopalMish1 से भी टैग किया जाएगा ।

यूनियन के एके दा और एन के खवास ने कहा कि केंद्रीय और फेडरेशन के आदेश को धनबाद के रेल कर्मचारियों पालन करेंगे। इसके बाद भी यदि सरकार ने अपना रुख नहीं बदला तो फेडरेशन के दिशानिर्देश के तहत राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा।