योगेश कुमार पांडेय
गिरिडीह। फिर किसानों के ठगे जाने की आशंका है। बारिश और खरीफ मौसम को देखते हुए जिले के जमुआ प्रखंड के ग्रामीण इलाकों में अनाधिकृत रूप से सैकड़ों मौसमी बीज दुकान खुल गये हैं। कई जगह कंपनी के नाम पर लोकल बीज की बिक्री की जा रही है। प्रखंड कृषक सलाहकार समिति के सदस्यों ने ऐसी दुकानों की जांच कर कार्रवाई करने की मांग कृषि निदेशक से की है।
मानसून ने राज्य में दस्तक दे दिया है। रोज बारिश हो रही है। ऐसे में बिचड़ा लगाने के लिए किसानों द्वारा बीज की तलाश किया जाना लाजमी है। किसानों की जरूरत को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्र में हर साल की तरह सैकड़ों मौसमी बीज दुकान खुल गए हैं। परचून, कपड़े, दवा, जनरल स्टोर की कई दुकानें देखते-देखते बीज दुकानों में तब्दील हो गईं। ऐसी दुकानें एक माह तक ही बीज बेचने का कारोबार करती है। फिर यह अपने मूल रूप में आ जाती है।
जानकारी के मुताबिक इन दुकानों में आकर्षक पैकेट में धान के सामान्य बीज महंगे दर पर बेचे जा रहे हैं। कई नई-नई कंपनियां आ गईं। कई फर्जी बीज कंपनियों के बीज भी बाजार में आ गये हैं। इनकी बिक्री भी हो रही है। कुछ दुकानों में कंपनी के नाम पर लोकल बीज तक बेचा जा रहा है। बीज के एमआरपी तक में छेड़छाड़ कर उसे बढ़ाया जा रहा है। किसानों को लूटा जा रहा है।
पैक्सों में जरूरत से कम बीज उपलब्ध हैं। वह भी बहुत ज्यादा किस्मों की नहीं नहीं है। प्रखंड कृषक सलाहकार समिति के सच्चिदानंद सिंह, वकील विश्वकर्मा, होरिल राय ने कृषि निदेशक से मांग की है कि किसानों को लूटने से बचाएं। अनाधिकृत रूप से बीज बेचने वाली दुकानों की जांच कराएं। उसपर कार्रवाई करें। किसानों को अच्छी और सही दर पर बीज उपलब्ध कराने का प्रबंध करें।
प्रखंड कृषि पदाधिकारी अनिल कुमार गोस्वामी ने कहा कि लाईसेंस प्राप्त दुकानदारों के अलावे कोई भी बीज नहीं बेच सकते हैं। किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई होगी।