ग्रामीण युवा ने बनाया व्हाट्सएप जैसा एप्लीकेशन, डाटा सुरक्षित रहने का दावा

झारखंड टेक्नोलॉजी मुख्य समाचार
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योगेश कुमार पांडेय

गिरिडीह। ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले युवा के पास हुनर की कमी नहीं है। बस उन्हें उड़ान देने के लिए लोगों का सहयोग और प्रोत्‍साहन की जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं ने व्हाट्सएप जैसा ही एप्लीकेशन तैयार किया है। इसकी चर्चा सभी जगह है। इसमें डाटा सुरक्षित रहने का दावा भी किया गया है।

देश के कुछ युवक ने देश का व्हाट्सएप (चैटबक) बनाया है। भारत में बने इस एप को पंद्रह हजार से ज्यादा लोग डाउनलोड कर चुके हैं। इस एप की मार्केटिंग मैनेज गिरिडीह के बिरनी के सिमराढाब गांव के युवक सन्नी कुमार करते हैं।

चैटबक के फाउंडर जीतेश ठाकुर कहते हैं कि हमारा डाटा ही हमारा सब कुछ है। इस बात को ध्यान में रखते हुए ही चैटबक को बनाया गया है। चैटबक एक एंड टू एंड इंक्रिप्टेड सर्विस प्रदान करती है। चैटबक में आप ग्रुप भी बना सकते है। लोगों के साथ वीडियो और ऑडियो कॉल भी कर सकते है। इसमें कई अन्‍य फीचर्स भी मिलते हैं।

चैटबक की टैगलाइन ‘योर प्राइवेसी मैटर्स’ है। चैटबक कई ऐसे फीचर्स भी देता, जिससे यह अन्‍य से अलग बनाता है। चैटबक के को फाउंडर वानाप्रथी संतोष का कहना है कि‍ चैटबक कई ऐसे फिचर्स पर काम कर रहा है, जो यूजर्स को लुभाएगा। स्क्रीन शेयरिंग, वीडियो कॉल करते वक्त, मैसेज टाइम सेट करना आदि इसमें शामिल हैं।

सन्नी कुमार का मानना है कि‍ भारत के लोग ही अगर भारत के प्रोडक्ट/एप पर भरोसा नहीं करेंगे तो और कौन करेगा। विदेशी लोग इसका उपयोग कर रहे हैं। उन्‍होंने सभी भारतीय नागरिक से अपील की कि चैटबक एप्लीकेशन उपयोग करें। इससे उनका डाटा सुरक्षित रहेगा।