लातेहार। झारखंड के लातेहार जिले के गारू थाना क्षेत्र के पीरी गांव के गनईखांड़ जंगल में सरहुल पर्व को लेकर जंगल में शिकार खेलने गये एक युवक की मौत पुलिस की गोली लगने से हो गयी। मृतक युवक ब्रह्मदेव सिंह (24) गनईखांड़ का रहने वाला था। उसके साथ गये दीनानाथ सिंह के एक हाथ में गोली लगी है। रघुनाथ सिंह, सुकुलदेव सिंह, गोबिंद सिंह व राजेश्वर सिंह को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है, इससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। पुलिस ने घटना स्थल से छह देसी बंदूक बरामद किया है।
सरहुल पर्व की परंपरा के अनुसार वह अपने पांच दोस्तों के साथ आज शनिवार को शिकार खेलने निकला था। सभी के हाथों में देसी हथियार थे, इसी बीच दक्षिण दिशा से सर्च ऑपरेशन चलाती आ रही झारखंड जगुआर की टीम ने ग्रामीणों को हथियार के साथ देख कर रूकने का इशारा किया, लेकिन ग्रामीण नहीं रूके और पुलिस ने उन्हें नक्सली समझ कर उनकी ओर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस फायरिंग में ब्रह्मदेव सिंह की मौत गोली लगने से मौके पर ही हो गयी, जबकि उसके साथ गये दीनानाथ सिंह के एक हाथ में गोली लगी है। रघुनाथ सिंह, सुकुलदेव सिंह, गोबिंद सिंह व राजेश्वर सिंह को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। पुलिस ने घटना स्थल से छह देसी बंदूक बरामद किया है। इस घटना के बाद गांव में काफी आक्रोश है, घटना स्थल से कुछ दूरी पर राजेश्वर सिंह के घर के पास काफी संख्या में ग्रामीण इस घटना के विरोध में जुटने लगे और पुलिस को काफी भला बुरा कहा।
मृतक ब्रह्मदेव सिंह की मां मानती देवी ने बताया कि उसका बेटा गाड़ी चलाने का काम करता था। गांव में सरहुल का पर्व मनाया जा रहा है और सरहुल पर्व पर शिकार खेलने की परंपरा गांव में रही है। उसका बेटा अपने दोस्तों के साथ शिकार खेलने गया था तभी पुलिस ने उसे नक्सली समझ कर गोली मार दी। मैं अपने घर से चीखती चिल्लाती रही, लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी और मेरे बेटे के शव को उठा कर पहाड़ पर ले गयी।
इस संबंध में पुलिस अधीक्षक प्रशांत आनंद ने कहा कि नक्सलियों की सूचना पर सीआरपीएफ, झारखंड जगुवार एवं जिला पुलिस बल के द्वारा क्षेत्र में संयुक्त ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इस दौरान पीरी गांव के एक जंगल में शिकार खेलने निकले युवकों से पुलिस का सामना हो गया। इस गोलीबारी में ब्रह्मदेव सिंह नामक एक ग्रामीण की मौत हो गयी है।