झारखंड का एक ऐसा बालू घाट, जहां सीएम और एनजीटी के आदेश का नहीं होता पालन

झारखंड मुख्य समाचार
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विवेक चौबे

गढ़वा। झारखंड में एक ऐसा बालू घाट है, जहां सीएम और एनजीटी के आदेश का पालन नहीं होता है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बालू उठाव के मामले में एनजीटी के आदेश को शत प्रतिशत लागू करने का निर्देश दिया है। उन्‍होंने कहा है कि खान एवं भूतत्व विभाग सभी जिलों के उपायुक्तों के माध्यम से यह सुनिश्चित करे कि मानसून अवधि में यानी 15 जून, 2021 से 15 अक्टूबर, 2021 तक बालू का खनन नहीं हो।

हालांकि एनजीटी और सीएम के आदेश के बाद भी राज्‍य के गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत राणाडीह घाट से बालू का अवैध उठाव जारी है। इस संबंध में संबंधित पदाधिकारियों से कई बार शिकायत की गई। इसके बाद भी किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगा। यह अब भी बदस्‍तूर जारी है।

मुखिया कृष्णा दास ने बताया कि अवैध बालू उठाव कर प्रतिदिन सैकड़ों ट्रक से उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भेजा जा रहा है। स्थानीय लोगों से महंगे भाव में बालू की बिक्री की जा रही है। इससे निर्धन व्यक्तियों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है। प्रतिदिन बालू से लदे ओवर लोड ट्रक सड़क पर चलने से जाम लगता रहता है। इससे अन्‍य वाहन और यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लोगों को कोई बड़ी घटना होने का अंदेशा रहता है।

बेमौसम हो रही बारिश में ट्रक के चलने से सड़क भी बर्बाद हो रही है। वहीं कोरोना से उत्पन्न महामारी को लेकर सरकार द्वारा जारी निर्देशों का भी पालन नहीं हो रहा है। मुखिया कृष्णा दास ने कहा कि सरकारी गाइडलाइन के अनुसार 15 जून से सभी बालू घाट को बंद कर दिया जाता है। हालांकि राणाडीह बालु घाट से सैकड़ों ओवर लोड ट्रक प्रतिदिन अन्य राज्यो में धड़ल्ले से भेजा जा रहा है।

मुखिया ने कहा कि बड़ी बात तो यह है कि सड़क पर दोनों ओर एक किमी तक ट्रक खड़ा रहता है। आमजनों के आवागमन को भी पंक्ति में लगे ट्रक बाधित करते हैं। शासन प्रशासन से बार-बार शिकायत की जा रही है कि अवैध बालू उठाव पर पूर्ण विराम लगे, किंतु कोई सुनवाई नहीं हो रही है। बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी कार्रवाई नहीं होने से स्पष्ट होता है कि अवैध बालू उठाव में कहीं प्रशासन की मिलीभगत तो नहीं। मुखिया ने उच्च पदाधिकारियों से पुनः अवैध बालू का उठाव और बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है।