रांची। मिड डे मिल (एमडीएम) की नई व्यवस्था एक जुलाई से लागू होने वाली है। इसके तहत योजना की राशि को जारी करने और इसकी उपयोगिता की मॉनिटरिंग करने के लिए पुनरीक्षित प्रक्रिया लागू की जा रही है। नई व्यवस्था के तहत इसके लिए मात्र एक खाता संचालित होगा। कई और बदलाव भी किये गये हैं। इसकी जानकारी झारखंड राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निदेशक डॉ शैलेश कुमार चौरसिया ने सभी जिला शिक्षा अधीक्षक को 8 जून को लिखे पत्र में दी है। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देने को कहा गया है।
डॉ चौरसिया ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा केंद्र प्रायोजित योजना अंतर्गत मध्याह्न भोजन के तहत 1 जुलाई, 2021 से राशि की विमुक्ति एवं निधि की उपयोगिता के अनुश्रवण के लिए एक नवीन पुनरीक्षित प्रक्रिया (Revised Procedure) लागू की जा रही है। वर्तमान प्रचलित प्रक्रिया के तहत राज्य मध्याह्न भोजन योजना अंतर्गत केंद्रांश, राज्यांश एवं राज्य योजना मद में प्राप्त राशि प्राधिकरण द्वारा सीधे जिला शिक्षा अधीक्षक के बैंक खाते में विमुक्ति की जाती थी। राशि खर्च होने के बाद जिला द्वारा उपयोगिता प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराया जाता था। निधि के प्रवाह (Fund Flow) के समीक्षा के बाद ऐसा देखा जा रहा है कि राशि खर्च नहीं कर पाने के कारण क्रियान्वयन एजेंसियों (जिला कार्यालय, प्रखंड कार्यालय एवं सरस्वती वाहिनी संचालन समिति) के बैंक खातों में राशियां अव्यवहृत पड़ी रह जाती है। समय पर क्रियान्वयन एजेंसियों द्वारा उपयोगिता प्रमाण-पत्र उपलब्ध नहीं कराये जाने और राशि की अग्रिम स्वरूप दर्शाये जाने के कारण भ्रांतियां उत्पन्न हो जाती है। इसके मद्देनजर लेखा संधारण में कई विसंगतियां उत्पन्न हो जाती है।
नई वित्तीय प्रबंधन पद्धति लागू करने के निर्णय
मध्याह्न भोजन योजना अंतर्गत राज्य में प्राधिकरण स्तर पर मात्र एक बैंक खाता संचालित होगा।
प्राधिकरण अधीनस्थ सभी क्रियान्वयन एजेंसियों (यथा जिला शिक्षा अधीक्षक एवं सरस्वती वाहिनी संचालन समिति) द्वारा जीरा बैलेंस राशि का एक बैंक खाता संचालित किया जायगा।
प्राधिकरण द्वारा अधीनस्थ सभी क्रियान्वयन एजेंसियों के लिए राशि निकासी की एक सीमा निर्धारित कर दी जायगी।
प्राधिकरण द्वारा क्रियान्वयन एजेंसियों को आवंटन आधारित राशि की निकासी के लिए प्राधिकार निर्गत किये जायेंगे। इन एजेंसियों द्वारा आवश्यकतानुसार राज्य स्तर पर संचालित बैंक खाते के माध्यम से राशि की तत्क्षण निकासी की जा सकेगी। इस प्रकार क्रियान्वयन एजेंसी के बैंक खाता में सदैव जीरो बैलेंस राशि ही शेष रहेगा।
20 जून, 2021 तक सभी क्रियान्वयन एजेंसी मध्याह्न भोजन योजना से संबंधित सभी राशि प्राधिकरण की राज्यस्तरीय संख्या में अनिवार्यतः वापस जमा करा देंगे। इसकी सूचना तुरंत प्राधिकरण कार्यालय का विवरण के साथ देंगे।
नयी व्यवस्था लागू होने की तिथि 1 जुलाई, 2021 से क्रियान्वयन एजेंसियों के पुराना बैंक खाते में कोई राशि हस्तांतरित नहीं की जायगी।
इसका पालन सुनिश्चित करने का निर्देश
मध्याह्न भोजन योजना अंतर्गत प्रखंड कार्यालय एवं सरस्वती वाहिनी संचालन समिति के बैंक खातों में अवशेष राशि 15 जून, 2021 तक जिला कार्यालय के बैंक खाता में वापस करा लिया जाय।
वापस की गई राशि का मदवार वापस लेखा संधारण की जाय, ताकि किसी भी परिस्थिति में एक मद की राशि की प्रविष्टि दूसरे मद में नहीं हो जाय। इस निमित्त क्रियान्वयन एजेंसियों के लेखाभिलेखों के सत्यापन/मिलान जिला स्तर पर संधारित अभिलेखों के साथ किया जाय।
एजेंसियों के रोकड़ शेष का सत्यापन बैंक खाता के शेष से किया जाय। वांछित उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्राप्त कर राशि का सामंजन किया जाय। हर हालत में सामंजन के उपरांत शेष राशि शून्य हो, यह सुनिश्चित की जाय।
किसी भी परिस्थिति में वापस राशि का लेखांकन अन्यान्य प्राप्तियां अथवा उचंत खाते के नाम से नहीं किया जाय, अन्यथा ऐसी प्रविष्टि अमान्य होगी।
किसी भी स्तर पर फर्जी निकासी अथवा अग्रिम के विरुद्ध उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं होने पर दोषी व्यक्ति को चिन्हित कर राशि की वसूली के लिए नियमानुकूल ढंग से विधि सम्मत कार्रवाई के साथ-साथ अनुशासनिक कार्रवाई की जाय। राशि जमाकर लेखा का समायोजन किया जाय।
इस पत्र के निर्गत किये जाने के बाद बैंक खातों में बची राशि का निष्प्रयोजन जानकर निकासी नहीं की जाय।
पत्र जारी होने की तिथि एवं राशि की वापसी की तिथि के बीच विभिन्न स्तरों पर की गयी निकासी एवं की जांच जिले में पूर्व से प्रतिनियुक्त चार्टर्ड एकाउंटेंट से करायी जाय। कालांतर में राज्य स्तर से इस पूरी प्रक्रिया का विशेष अंकेक्षण कराया जायगा। इस निमित लेखाभिलेखों को व्यवस्थित क्रियान्वयन एजेंसियों के अतिरिक्त अगर किसी अन्य एजेंसी/संस्था को राशि विमुक्त की गयी हो तो उसे भी वापस प्राप्त कर लेखाकंन किया जाय।
सभी एजेंसियों से वापस प्राप्त राशियों का मदवार विवरण तैयार किया जाय। बैंक का नाम, खाता संख्या, IFSC कोड, शाखा का नाम विवरण में शामिल किया जाय। तैयार की गयी विवरणी जिला स्तर पर संरक्षित रखी जाय। उसकी एक सत्यापित प्रति प्राधिकरण कार्यालय को भेजी जाय।
जिला स्तर पर अंततः संग्रहित राशि एवं जिला स्तरीय बैंक खाता में मध्याहन भोजन योजना की शेष राशि पूर्णरूपेण 20 जून, 2021 तक अनिवार्यतः प्राधिकरण कार्यालय में संधारित बैंक खाता में वापस जमा करायी जाय। जिला स्तर पर संधारित बैंक खाता में अवशेष राशि जीरो बैलेंस रखी जाय।
अगर किसी क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा (MDM) के क्रियान्वयन के लिए एक से अधिक बैंक खाते खाले गये हैं तो एक बैंक खाता छोड़कर अन्य बैंक खाताओं को शीघ्र बंद करा दिया जाय।
क्रियान्वयन एजेंसियों के बैंक खाता में अवशेष राशि शून्य रखा जाय। जीरो बैलेंस वाले बैंक खाता को किसी भी परिस्थिति में बंद नहीं किया जाय।
उपर्युक्त निर्देश मध्याह्न भोजन योजना अंतर्गत केंद्रांश एवं राज्यांश की राशि वापसी एवं जीरो बैलेंस के संबंध में है। तत्काल अगले आदेश तक राज्य योजनाओं की राशि वापस नहीं की जानी है। राज्य योजनाओं की राशि जिलास्तर पर एवं सरस्वती वाहिनी संचालन समिति द्वारा अलग-अलग बैंक खाता खोलकर लेखा संधारण किया जाय।
इस पत्र को सभी संबंधित अधिकारियों एवं क्रियान्वयन एजेंसियों को प्रचारित किया जाय।
निर्देशों का पालन समय सीमा के अंतर्गत नहीं किये जाने अथवा विलंब की स्थिति में केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा राशि रिलीज नहीं की जा सकेगी। ऐसे में खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 एवं मध्याह्न भोजन अधिनियम 2015 के तहत संबंधित अधिकारी को जिम्मेवार मानते हुए यथोचित कठोर कार्रवाई की जा सकती है।