तुपुदाना ओपी प्रभारी मीरा सिंह को एसएसपी ने किया लाइन हाजिर, जानें पूरा मामला

झारखंड
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रांची। रांची के एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने तुपुदाना ओपी प्रभारी मीरा सिंह के खिलाफ ईडी की कार्रवाई के बाद पद से हटाते हुए उनको लाइन हाजिर कर दिया है। ईडी ने 21 मार्च की सुबह मीरा सिंह और लाल मोहित नाथ के ठिकानों पर एक साथ रेड किया था।

बताते चलें कि, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने गुरुवार को तुपुदाना ओपी प्रभारी मीरा सिंह और उनके सहयोगी लाल मोहित नाथ शाहदेव के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान ईडी की टीम को मीरा सिंह के यहां से एक डायरी मिली थी। इसमें बालू के अवैध कारोबार की डिटेल्स मिली थी। आठ मोबाइल भी बरामद किया गया था। लाल मोहित नाथ शाहदेव के घर से 15 लाख से अधिक कैश और जमीन के कारोबार से जुड़े दस्तावेज मिले थे।

प्रवर्तन निदेशालय ने जब 21 मार्च को तुपुदाना ओपी स्थित मीरा सिंह के कार्यालय में छापेमारी की, तो एक डायरी मिली थी। इसमें अवैध बालू के कारोबार में शामिल लोग, ट्रकों एवं लेन-देन का ब्योरा दर्ज है। इस दौरान उनके आवास से आठ मोबाइल भी जब्त किए गए थे। इतना ही नहीं, अधिकारियों के अलावा अवैध धंधों में लिप्त लोगों के साथ व्हाट्सएप चैट की भी डिटेल्स ईडी को मिली है।

प्रवर्तन निदेशालय ने मीरा सिंह के खिलाफ खूंटी में बतौर महिला थाना प्रभारी के रूप में 15 हजार रुपए रिश्वत लेने के आरोप में दर्ज प्राथमिकी को ईसीआईआर के रूप में रजिस्टर्ड किया है। प्रारंभिक जांच पूरी करने के बाद ईडी ने 21 मार्च की सुबह मीरा सिंह और लाल मोहित नाथ के ठिकानों पर एक साथ रेड किया।

सुबह छह बजे ईडी की टीम रांची के तुपुदाना पहुंची और आशीष आनंद एनक्लेव में मीरा सिंह के किराये के फ्लैट में छापेमारी की। ईडी की टीम ने तुपुदाना ओपी में भी छापेमारी के दौरान कागजात खंगाले। तुपुदाना ओपी परिसर में मीरा सिंह की स्कॉर्पियो को भी टीम ने खंगाला।

बता दें कि, 25 फरवरी 2021 को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने खूंटी की महिला थाना प्रभारी रहते 15 हजार रुपये रिश्वत लेते मीरा सिंह को अरेस्ट कर लिया था। वह जेल भी गयी थीं। बावजूद इसके उनके रसूख में कोई खास अंतर नहीं आया।

वह और पावरफुल होकर सामने आयीं। जेल से बाहर आने के बाद पुलिस मुख्यालय ने उनका ट्रांसफर फिर से खूंटी जिला बल में कर दिया था, लेकिन रसूख की हनक कहिए पुलिस मुख्यालय को अपना आदेश रद्द कर उनकी पसंद के रांची जिला बल में पदस्थापित करना पड़ा।