कृषि विवि के पूर्व कुलपति डॉ केके झा का निधन, शोक सभा आयोजित

झारखंड
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रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को वर्चुअल माध्यम से पूर्व कुलपति डॉ केके झा के निधन पर शोक सभा का आयोजन किया गया। बैठक में दो मिनट का मौन रखकर दिवगंत आत्मा की शांति की कामना एवं श्रध्दांजलि दी गयी।

मौके पर कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने डॉ केके झा को अच्छे व्यक्तित्व का धनी एवं कुशल प्रशासक बताया। पूर्व डीन (एग्रीकल्चर) डॉ एके सरकार ने उन्हें प्रगतिशील विचार धारा का मृदा वैज्ञानिक बताया। झारखंड की अम्लीय भूमि के क्षेत्र में उनके शोध कार्यो की जानकारी दी। डीन (एग्रीकल्चर) डॉ एमएस यादव ने प्राचार्य के रूप एक अच्छे मार्गदर्शक की क्षति बताया। पूर्व डीएसडब्‍ल्‍यू डॉ एनके राय ने उन्हें एकीकृत बिहार का सायल माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र में महान शिक्षाविद बताया। शोक सभा का संचालन अध्यक्ष (मृदा) डॉ डीके शाही ने की। शोक सभा में डॉ एस कर्मकार, प्रो डीके रूसिया, डॉ अरविंद कुमार, डॉ बीके झा, डॉ आशा सिन्हा, डॉ एनसी गुप्ता एवं एचएन दास ने भाग लिया।

डॉ केके झा

बीएयू के पूर्व यूनिवर्सिटी प्रोफेसर डॉ बीपी सिंह ने बताया कि 94 वर्षीय डॉ केके झा का स्वाभाविक निधन रांची के अशोकनगर स्थित आवास में 9 जून को हुआ। वे बिहार एग्रीकल्चर कॉलेज, सबौर के पहले बैच 1949 के पहले एग्रीकल्चर ग्रेजुएट थे। 1971 में कांके स्थित रांची एग्रीकल्चर कॉलेज के ड्राईलैंड परियोजना के चीफ साइंटिस्ट बने। वर्ष 1971-73 में स्‍वाइल साइंस एंड एग्रीकल्चर केमिस्ट्री के विभागाध्यक्ष और 1975-77 तक रांची एग्रीकल्चर कॉलेज के प्राचार्य रहे। इसके बाद पूसा, बिहार में प्राचार्य पद पर योगदान दिया। वर्ष 1980 में वे एकीकृत बिहार के कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रहे। इनके समय ही राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय से अलग कर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय का वर्ष 1981 में गठन किया गया।