भगवान बिरसा मुंडा की जन्‍मस्‍थली में बीएयू ने शुरू किया बिरसा बीज आच्छादन कार्यक्रम

कृषि झारखंड
Spread the love

  • पशुओं के लिए बरसाती बीमारी की दवा का वितरण किया

रांची। बिरसा कृषि विश्‍वविद्यालय ने भगवान बिरसा मुंडा की जन्‍मस्‍थली में बिरसा बीज आच्‍छादन कार्यक्रम की शुरुआत 12 जून से की। डायरेक्टर एक्सटेंशन एजुकेशन डॉ जगरनाथ उरांव के नेतृत्व में कृषि वैज्ञानिकों के दल ने बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलीहातू गांव का दौरा किया। विवि की ओर से पूरे प्रदेश में लागू की जा रही बिरसा बीज आच्छादन कार्यक्रम की शुरुआत की। गांव से 50 बिरसा किसान का चयन किया गया। सभी को मोटा अनाज मड़ुआ (रागी) की उन्नत किस्म ए 404 के बीज का वितरण किया गया। इस अवसर पर शस्य वैज्ञानिक डॉ आरपी मांझी ने किसानों को मड़ुआ की वैज्ञानिक खेती की तकनीकी जानकारी दी।

मौके पर पशु वैज्ञानिकों के दल ने गांव में पशुओं की बरसाती बीमारी का अध्ययन किया। पशुपालकों को बरसाती बीमारी एवं रोग की पहचान एवं उपचार की जानकारी दी। दल में शामिल डॉ अभिषेक कुमार, डॉ बधनु उरांव एवं डॉ पंकज सेठ ने उलीहातू गांव के करीब 50 घरों में जाकर पशुओं के उपचार के लिए कृमि नाशक, घाव एवं अपच की दवा एवं मिनरल मिक्सचर का वितरण किया।

डॉ अभिषेक कुमार ने बताया कि इस गांव के करीब सभी परिवार पशुपालन से जुड़े है। डॉ पंकज सेठ ने बताया कि गांव के पशुपालकों के बीज उन्नत नस्ल के पशुओं की काफी मांग है। इस क्षेत्र के किसानों का उन्नत पशु प्रबंधन से आर्थिक स्थिति में सुधार लाया जा सकता है।

डायरेक्टर एक्सटेंशन एजुकेशन ने बताया कि कुलपति के निर्देश पर उलीहातू गांव को एग्रो टूरिज्म केंद्र के रूप में विकसित करने की पहल की जा रही है। किसानों के बीच धान, अरहर एवं तिल के उन्नत बीज की काफी मांग है। विवि उन्नत बीज उपलब्ध कराने की दिशा में हर संभव सहयोग करेगी।

कुलपति के निर्देश पर बिरसा बीज आच्छादन कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है। विवि द्वारा सभी 16 जिलों के कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से यह कार्यक्रम खरीफ मौसम में चलेगा। प्रत्येक जिले में 20 बिरसा किसान का चयन कर उन्नत किस्मों के बीज का वितरण किया जायेगा।