- वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन ने तैयार किया सस्ता और सुरक्षित मास्क
नयी दिल्ली। कोविड-19 की मौजूदा लहर ने भारत के साथ-साथ पूरे विश्व को हिलाकर रख दिया है। अधिक शक्तिशाली विषाणु का नया प्रकार (वैरिएंट) हवा से फैलने वाला प्रकार है, जिससे बचने के लिए सिर्फ कपड़े का मास्क और आम मास्क काफी नहीं हैं। ज्यादातर मास्क नाक के आस-पास फिट नहीं होते हैं जिससे लोग या तो उसे नाक के नीचे पहनते हैं। हमेशा उसे ठीक करते हैं। इस परेशान करने वाली स्थिति से निपटने के लिए वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन एक नया डिजाइन लेकर आया है। यह सुरक्षित होने के साथ ही पहनने में भी आसान है।
कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए, वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन के फैशन फैकल्टी प्रोफेसर उमेर खान चेहरे पर पहनने वाला ऐसा मास्क लेकर आए हैं, जो ना सिर्फ नाक, मुंह और ठुड्डी को ढकती हैं, बल्कि पूरी तरह से उनसे चिपके रहते हैं। मास्क में विशेष रूप से डिजाइन किया गया एक विस्तार है। यह इस मास्क की विशेषता है, क्योंकि यह नाक के आकार के हिसाब से बना हुआ है। इसे पूरी तरह ढंकता है।
यह सुनिश्चित करताहै कि नाक के चारों ओर के छिद्र बंद रहें, जो बाहर की हवा को अंदर आने से रोक कर अतिरिक्त सुरक्षा देता है। इस डिजाइन की दूसरी सबसे खास बात है कि यह सांस की भाप को बाहर नहीं जाने देता। चश्मे पर धुंध नहीं जमा हो, जो चश्मा पहनने वाले लोगों के लिए भी फायदेमंद है। तीसरा, मास्क का डिजाइन इसे लंबे वक्त तक बिना ठीक किए पहनने में आरामदायक बनाता है।

चूंकि मास्क चेहरे को सुरक्षित ढंग से ढकने और लंबे वक्त तक पहनने के लिहाज से बनाया गया है। इसे मौजूदा स्थिति में सफल माना जा सकता है, क्योंकि यह मास्क के अंदर के अलावा किसी भी तरह से हवा को अंदर नहीं आने देता है। पहनने वाले के खांसने या छींकने पर बूंदों (स्रोत नियंत्रण) को फैलने से रोकता है।
परीक्षणों और स्वयं सेवियों से प्रतिक्रिया मिलने के बाद साधारण सूती के कपड़े की दो सतहों से बने मास्क को अंतिम रूप देने में एक हफ्ते का वक्त लगा। प्रोफेसर उमेर खान ने इस मास्क के बारे में कहा, ‘मैंने साधारण सूती के कपड़े का इस्तेमाल किया जो बहुत प्रभावी है। हालांकि अगर किसी उत्पादक की इच्छा हो तो वह सूती-सिल्क की दो सतहों या सर्जिकल मास्क में इस्तेमाल होने वाले तीन सतह के हल्के कपड़े का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इस डिजाइन को बहुत होशियारी से डिजाइन किया गया है, ताकि यह किसी भी औसत भारतीय चेहरे पर फिर हो सके जिसे बड़े या चौड़े चेहरों के हिसाब बड़ा भी किया जा सकता है।’
वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन महज तीन साल की अवधि में आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करते हुए मजबूत डिजाइन लाया है। मास्क उनमें से एक है। पिछले साल उन्होंने एक पीपीई किट का डिजाइन साझा किया था। कोविड-19 की नई लहर से लड़ने के लिए जब इस मास्क का निर्माण किया जाएगा, तब इसकी कीमत 15-20 रुपये से ज्यादा नहीं होगी।