उप्र में डब्ल्यूएचओ के मानक से 10 गुना ज्यादा हो रहे कोरोना टेस्ट

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लखनऊ। उप्र पांच करोड़ से ज्यादा कोरोना वायरस टेस्ट करने वाला देश का एकमात्र राज्य है। उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा किया है कि, यूपी में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानक से 10 गुना ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं। जिसका रिजल्ट है कि सूबे से कोरोनावायरस की खतरनाक दूसरी लहर पर काबू पा लिया गया है। सीमए योगी आदित्यनाथ व उनकी टीम-9 ने थ्री टी’ टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीट की नीति पर काम कर सकारात्मक परिणाम हासिल किए हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के अनुसार, यूपी में प्रतिदिन 32 हजार टेस्ट का लक्ष्य था लेकिन हर रोज औसतन 3 लाख से ज्यादा टेस्ट किए गए। प्रदेश में प्रति पाजिटव केस पर 31 कांटेक्ट सैंपल टेस्ट किए गए जबकि महाराष्ट्र में 6, कर्नाटक में 11, केरल में 8, दिल्ली में 14, तमिलनाडु में 12 और आंध्र प्रदेश में 11 कांटेक्ट सैंपल टेस्ट किए गए।

31 मार्च के बाद हुए कोविड टेस्ट में 64 फीसदी टेस्ट ग्रामीण इलाकों में हुए। डब्ल्यूएचओ ने ग्रामीण क्षेत्रों में समितियां भेजकर समीक्षा की। और यूपी के माइक्रो मैनेजमेंट को ‘द बेस्ट’ कहा था। आरआरटी और निगरानी समितियों ने गांव गांव जाकर बड़ी संख्या में टेस्ट किए।

कोरोना के कुल 12243 मामले ही सक्रिय :- बीते 24 घंटे में यूपी में सिर्फ 642 नए कोरोना वायरस केस मिले हैं। तीन लाख छह हजार से ज्यादा टेस्ट किए गए हैं। प्रदेश में कोरोना पॉजिटिविटी की दर 0.2 प्रतिशत है जबकि रिकवरी दर 98 प्रतिशत है। प्रदेश में इस समय कोरोना के कुल 12243 मामले ही सक्रिय हैं।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने हिदायत देते हुए कहाकि, हमें समझना होगा कि वायरस कमजोर हुआ है, खत्म नहीं हुआ। संक्रमण कम हुआ है, पर जरा सी लापरवाही संक्रमण को फिर बढ़ा सकती है। सभी लोग मास्क, सैनिटाइजेशन, दो गज की दूरी जैसे कोविड बचाव के व्यवहार को जीवनशैली में शामिल करें। बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें। भीड़ से बचें। पुलिस अपनी सक्रियता और बढ़ाए।