लोजपा में घमासान : दिल्ली में चिराग ने बुलाई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक

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नई दिल्ली। राजनीति में कैसी रिश्तेदारी। यह बात लोजपा में सही चरितार्थ हो रही है। लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक और चिराग पासवान के पापा रामविलास पासवान के निधन के बाद से पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।

चाचा पशुपति कुमार पारस और भतीजे चिराग पासवान में टकराव बढ़ता जा रहा है। लोजपा में मची खलबली के बीच चिराग पासवान ने आज यानी रविवार को दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। इस बैठक में चिराग आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श करेंगे।

इससे पहले चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के पार्टी अध्यक्ष के चुनाव को खारिज करते हुए कहा था कि पटना में आयोजित बैठक असंवैधानिक थी और इसमें राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्यों की न्यूनतम उपस्थिति भी नहीं थी।

चिराग पासवान ने कहा मेरे चाचा के नेतृत्व वाला गुट एक स्वतंत्र समूह हो सकता है, लेकिन लोजपा का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर अध्यक्ष से मिलने की कोशिश करेंगे और अगर फैसला वापस नहीं लिया गया, तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।

पासवान-गुट ने यह भी कहा कि पारस के नेतृत्व वाले समूह ने उन्हें एक व्यक्ति एक पद के आधार पर पद से हटा दिया था, लेकिन अब पारस को लोकसभा में पार्टी नेता और दलित सेना का प्रमुख के पद पर रहने के बावजूद अध्यक्ष चुना गया है।

बता दें कि लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान के अगले सप्ताह की शुरुआत में बिहार रवाना होने की उम्मीद है, ताकि लोजपा समर्थकों को एकजुट किया जा सके, क्योंकि दोनों गुटों में पार्टी के स्वामित्व को लेकर खींचतान जारी है।

पासवान ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से पारस को सदन में पार्टी के नेता के रूप में मान्यता देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।