मुख्यमंत्री ने किया पुस्तक का लोकार्पण, स्वास्थ्य से जुड़ी योजना बनाने और क्रियान्वयन में मिलेगी मदद

झारखंड
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रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। इस लहर में कौन सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे, यह कहना अभी मुश्किल है। हालांकि बच्चों के संक्रमित होने की ज्यादा आशंका जताई जा रही है। ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने और अस्पतालों में बच्चों के बेहतर इलाज की व्यवस्था को लेकर सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। उक्‍त बातें मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने 8 जून को ‘मैनुअल्स फॉर प्रिपरेशन, प्रिवेंशन एंड प्लानिंग फॉर कोविड-19, थर्ड वेव इन झारखंड, दि वे फॉरवर्ड’ पुस्तक का लोकार्पण करने के क्रम में कही। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार किए इस पुस्तक में तीसरे लहर से निपटने की पूरी रुपरेखा का जिक्र है। इस पुस्तक को देशभर के चिकित्सक, विशेषज्ञ और अन्य जानकारों से विचार-विमर्श कर तैयार किया गया है।

कोरोना को लेकर गैप एनालिलिस का जिक्र

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पुस्तक में कोरोना की पहली और दूसरी लहर में उत्पन्न परिस्थियों से जुड़े तमाम आंकड़े, कमियों और जरूरतों का विस्तार से जिक्र किया गया है, ताकि उसके आधार पर आगे की रणनीति तैयार कर सरकारी अस्पतालों को मजबूत करने और स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाया जा सके। इसमें कोरोना को लेकर जो गैप एनालिसिस की गई है, उससे हमें स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाएं को बेहतर बनाने में सहूलियत होगी।

जिलों में जरूरतों के हिसाब से की जा रही तैयारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरी लहर की आशंका के मद्देजर जिलों में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। जिलों को निर्देश दिये गये हैं कि वे अपनी कमियों और जरूरतों के हिसाब से योजना बनाकर स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें। खासकर अस्पतालों में बच्चों के लिए पेडियाट्रिट इंटेंसिव केयर यूनिट की सुविधा हर हाल में हो। इसके अलावा दूसरी लहर में रह गई कर्मियों को दूर किया जाए, ताकि इस संक्रमण से निपटने में किसी तरह की अड़चन नहीं आए। इसके अलावा अस्पतालों में वे सभी सुविधाएं हर हाल में उपलब्ध होनी चाहिए, जो बच्चों के इलाज के लिए जरूरी है।

ग्रामीण इलाकों में हो रहे सर्वे का डेटा बेस तैयार करें

मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के उपायुक्तों से कहा कि इन दिनों ग्रामीण इलाकों में कोरोना को लेकर व्यापक सर्वे किया जा रहा है। यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी। ऐसे में इस सर्वे से जुड़े तमाम आंकड़ों का डेटा बेस तैयार करें, ताकि हमें यह पता चल सके कि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं की क्या स्थिति है। सरकार की सुविधाओं का लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है या नहीं और यहां क्या-क्या कमियां है, जिसे दूर किया जाना अत्यंत जरूरी है। इस सर्वे से हमें स्वास्थ्य संरचनाओं को मजबूत और सुविधाएं आम लोगों को मुहैया कराने में मदद मिलेगी।

स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा की हो रही है एडवांस प्लानिंग

इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में कोरोना से निपटने के लिए सरकार चौबीस घंटे काम कर रही है। इस कड़ी में खामियों को दूर किया जा रहा है। स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर बनाई जा रही है। तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए मुख्यमंत्री ने इससे निपटने की एडवांस प्लानिंग बनाई है। इसके तहत ही इस पुस्तक को विशेषज्ञों के सहयोग से तैयार किया गया है, जिसमें कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की पूरी रुपरेखा है। इससे जिला प्रशासन को अपने हिसाब से खामियों को दूर करने और जरूरतों को पूरा करने में सहूलियत मिलेगी।

बेड मैनेजमेंट पर करें फोकस

मुख्य सचिव ने सभी जिलों के उपायुक्तों को कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से कौन प्रभावित होंगे, यह कहना अभी मुश्किल है। ऐसे में अस्पतालों में जो सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है, उसका लाभ हर किसी को हो, इसका जरूर ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि इसके लिए बेड मैनेजमेंट को बेहतर बनाएं। इसके तहत अस्पतालों में बच्चों के लिए जो वार्ड बनाए जा रहे हैं, जरूरत पड़ने पर उसका इस्तेमाल अन्य लोगों के इलाज के लिए भी किया जा सके। जो सामान्य वार्ड हैं, उसमें भी जरूरत के वक्त बच्चों को रखा जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि तीसरी लहर को लेकर सभी अलर्ट मोड पर रहें। सभी जरूरी तैयारियों को इस माह के अंत तक पूरी कर ली जाए।

इस मौके पर विकास आयुक्त-सह- स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, एनआरएचएम के अभियान निदेशक रविशंकर शुक्ला, झारखंड एड्स कंट्रोल सोसाइटी के निदेशक भुवनेश कुमार और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अपर सचिव डॉ शांतनु अग्रहरि मौजूद थे।