सीबीआई के संयुक्त निदेशक विनीत विनायक की सेवा 6 महीने बढ़ी

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के रोशनी घोटाला मामले की जांच कर रहे सीबीआई के संयुक्त निदेशक विनीत विनायक को एजेंसी में उनके केंद्रीय प्रतिनियुक्ति कार्यकाल छह महीने के लिये बढ़ा दिया है। कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीबी) ने मंगलवार को सिक्किम कैडर के 1995 बैच के अधिकारी विनायक के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति कार्यकाल में विस्तार के लिए कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

विनायक अब इस साल 9 मार्च के बाद छह महीने की अवधि के लिए सीबीआई के संयुक्त निदेशक के रूप में बने रहेंगे। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) कार्यकाल नीति, 2010 में ढील देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एसीबी द्वारा निर्णय लिया गया था। विनायक को उनकी विशिष्ट सेवा के लिए इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया था। विनायक ने आईआरसीटीसी घोटाले में तत्कालीन रेल मंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद, हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से आय से अधिक संपत्ति के मामले में, जम्मू और कश्मीर में हथियार लाइसेंस घोटाले में कई नौकरशाहों से जुड़े, अवैध अतिक्रमण सहित कुछ हाई प्रोफाइल मामलों की जांच की है। वन भूमि और हाल ही में रोशनी घोटाला मामला है जिसमें एजेंसी ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित कई शीर्ष राजनेताओं को शामिल किया है।

यह तीसरी बार है जब विनायक को उनकी सेवा में विस्तार दिया जा रहा है। इससे पहले उन्हें सीबीआई में प्रतिनियुक्ति कार्यकाल सितंबर 2018 से बढ़ाकर 9 सितंबर, 2020 तक दो साल के लिए दिया गया था। फिर इस साल मार्च तक उनका कार्यकाल बढ़ा दिया गया।