यूनियन का अल्टीेमेटम, रेलकर्मियों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित नहीं करने पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन

झारखंड
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  • कोरोना से मृत रेलकर्मी को 50 लाख की अनुग्रह राशि मिले

धनबाद। रेलकर्मियों का फ्रंट लाइन वर्कर घोषित नहीं किये जाने पर ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन राष्‍ट्रव्‍यापी आंदोलन करेगा। यूनियन ने कोरोना से मरे कर्मियों के परिजनों को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की मांग भी की है। इस संबंध में यूनियन के राष्ट्रीय संगठन आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है।

महामंत्री ने रेलकर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित नहीं किये जाने पर नाराजगी जाहिर की है। बुधवार को सभी जोन के महामंत्री, अध्यक्ष और जोनल सेक्रेटरी के साथ स्टेंडिंग कमेटी की वर्चुअल बैठक की गई। इसमें उन्होंने बताया कि इस संबंध में 19 मई को ही केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण को पत्र भेजा है। इसमें यह मांग रखी है। उन्‍होंने कहा कि यदि सरकार रेल कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित नहीं करती है तो राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा।

ईसीआरकेयू के अध्यक्ष डीके पांडेय ने बताया कि आंदोलन के पहले चरण में सोशल मीडिया के जरिए सरकार का ध्यान आकृष्ट किया जाएगा। इसके बाद भी अगर सरकार ने अपना रवैया न बदला तो आंदोलन तेज किया जाएगा।

एआईआरएफ की स्टैंडिग कमेटी की शुरुआत करते हुए फेडरेशन के अध्यक्ष डॉ एन कन्हैया ने मौजूदा हालात की चर्चा की। उन्‍होंने कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद बड़ी संख्या में रेलकर्मचारी ट्रेनों का संचालन कर रहे हैं, ताकि लोगों को मुश्किल का सामना नहीं करना पड़े। इतना ही नहीं देश में जब आक्सीजन के लिए हाहाकार मच गया, तब रेल कर्मचारी ने ही ऑक्सीजन स्पेशल ट्रेन के जरिए देश भर में ऑक्सीजन की कमी को दूर किया। इसके बाद भी रेलकर्मचारियों की जायज मांगों की अनदेखी की जा रही है, जो फेडरेशन बर्दाश्त करने वाला नहीं है।

महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने स्टेंडिग कमेटी के एजेंडे की चर्चा के साथ ही कहा कि कोरोना महामारी में भारतीय रेल के अब तक दो हजार से भी अधिक रेलकर्मचारी अपनी जान गंवा चुके हैं। इतना ही नहीं विभिन्न जोनल यूनियन के कई पदाधिकारियों को भी हमने खोया है। महामारी के दौरान रोजाना ही किसी नहीं किसी के निधन की खबरें आती रही है । फिर भी रेलकर्मियों ने देश की सेवा को प्राथमिकता देते हुए अपने काम को पूरी ताकत के साथ अंजाम देने में जुटे रहे । अपनी जान को जोखिम में डाल कर देश की सेवा में जुटे इन रेलकर्मियों को सरकार फ्रंट लाइन कोरोना वारियर्स नही मानती। फ्रंट लाइन कोरोना वारियर्स नहीं होने की वजह से साथी रेलकर्मियों को वैक्सीन तक प्राथमिकता के आधार पर नही लगाया जा रहा है। इतना ही नही दूसरे कोरोना वारियर्स की तर्ज पर हमारे रेलकर्मियों की मृत्यु पर उन्हें 50 लाख के एक्सग्रेसिया से भी वंचित किया जा रहा है । ये फेडरेशन को कत्तई मंजूर नहीं है । इस मसले को लेकर देशभर में राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने का फैसला किया गया।

मौके पर आल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन के जोनल सेक्रेटरी तथा ईसीआरकेयू के केंद्रीय कोषाध्यक्ष ओपी शर्मा ने इस आंदोलन की रूपरेखा के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि 7 जून को सोशल मीडिया ट्वीटर पर पूरे दिन एक विशाल कैंपेन के जरिए सरकार की दोषपूर्ण नीतियों का विरोध किया जाएगा। सरकार फिर भी नही सुनती है तो आंदोलन को अगले चरण में इसे और धारदार बनाया जाएगा। बैठक में श्रम कानूनों में किए गए बदलाव को मजदूर विरोधी बताते हुए आगे की रणनीति पर भी विचार विमर्श किया गया।

इस स्टेडिंग कमेटी की बैठक में ईसीआरकेयू के महामंत्री एसएनपी श्रीवास्तव, अध्यक्ष डीके पांडेय और जोनल सेक्रेटरी ओपी शर्मा के अलावे वर्किंग प्रेसिडेंट जे आर भोसले, कोषाध्यक्ष शंकर राव, महिला कन्‍वेनर प्रवीना सिंह, चेयरपर्सन जया अग्रवाल, यूथ कन्‍वेनर प्रीती सिंह, मुकेश गालव, मुकेश माथुर, केएल गुप्ता, एएम डिक्रूज, आशीष विश्वास, अमित घोष, वेणु पी नायर, मनोज बेहरा, अध्यक्ष आर सी शर्मा, श्रीनिवास और गौतम मुखर्जी उपस्थित थे। उक्त जानकारी ईस्ट सेंट्रल  रेलवे कर्मचारी यूनियन के मीडिया प्रभारी एनके खवास ने दी।