नई दिल्ली। सशस्त्र बलों के कमांडर और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश में कोविड संकट के समय डॉक्टरों की कमी को देखते हुए भारतीय सेना में 400 पूर्व चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती को मंजूरी दे दी है। यह भर्तियां 11 महीने के लिए अनुबंध के आधार पर ’टूर ऑफ ड्यूटी’ योजना के तहत की जानी है। नियुक्तियां होने से देश के 51 ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक रात के समय भी खुल सकेंगे, जिससे पूर्व सैन्यकर्मियों और उनके आश्रितों को 24 घंटे चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी।
रक्षा मंत्रालय ने 27 अप्रैल को पूर्व सैन्यकर्मियों और उनके आश्रितों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए देश के 51 ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक में अतिरिक्त अनुबंध कर्मचारियों की अस्थायी भर्ती को मंजूरी दी थी। इस पर मंत्रालय ने सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक को सेना चिकित्सा कोर से रिटायर हो चुके 400 चिकित्सा अधिकारियों को ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ योजना के तहत भर्ती करने का आदेश दिया था। कोविड संकट से समय डॉक्टरों की कमी को देखते हुए भारतीय सेना ने इसकी मंजूरी के लिए सशस्त्र बलों के कमांडर और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास प्रस्ताव भेजा था। राष्ट्रपति ने सेना चिकित्सा कोर से रिटायर हो चुके 400 चिकित्सा अधिकारियों की 11 माह के लिए भर्ती की स्वीकृति दे दी है।
रक्षा मंत्रालय प्रवक्ता के मुताबिक सेना की ’टूर ऑफ ड्यूटी’ योजना के तहत भर्ती किये जाने वाले इन 400 चिकित्सा अधिकारियों को एक निश्चित मासिक एकमुश्त राशि का भुगतान किया जायेगा। इसके लिए सेवानिवृत्ति के समय मिल रहे मूल वेतन में मौजूदा समय में मिल रही पेंशन राशि की कटौती करके भत्ता दिया जायेगा। इसके अलावा यह भी शर्त रखी गई है कि संविदा के आधार पर भर्ती किए जाने वाले चिकित्सा अधिकारियों को नागरिक मानकों के अनुसार चिकित्सकीय रूप से फिट होना चाहिए।
सेना ने भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना के तहत देशभर में 51 ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक खोल रखे हैं, जहां 55 लाख पूर्व सैनिकों का इलाज किया जाता है। अभी तक यह पॉलीक्लिनिक सिर्फ दिन में ही खुलते थे लेकिन कोविड-19 मामलों में आयी तेजी के बीच इन्हें रात में भी खोले जाने की जरूरत महसूस की गई है। इसलिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले माह 51 ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक में अधिकृत कर्मचारियों के अतिरिक्त अनुबंध कर्मचारियों के लिए अस्थायी भर्ती को मंजूरी दी थी। इन ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक में एक-एक चिकित्सा अधिकारी, नर्सिंग असिस्टेंट, फार्मासिस्ट, वाहन चालक और चौकीदार को अनुबंध कर्मचारियों के रूप में सामान्य कामकाज के घंटों के अलावा रात्रि ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा।
प्रवक्ता के मुताबिक इन अनुबंध कर्मचारियों की तैनाती लखनऊ, दिल्ली कैंट (बीएचडीसी), बेंगलुरु (शहरी), देहरादून, कोटपूतली, अमृतसर, मेरठ, चंडीगढ़, जम्मू, नई दिल्ली (लोधी रोड), सिकंदराबाद, आगरा, अंबाला, ग्रेटर नोएडा, गुरदासपुर, पुणे, त्रिवेंद्रम, जालंधर, कानपुर, गुड़गांव, गुड़गांव (सोहना रोड), होशियारपुर, मोहाली, चंडीमंदिर, इलाहाबाद, गाजियाबाद (हिंडन), पठानकोट, जोधपुर, लुधियाना, रोपड़, तरणतारन/पट्टी, कोलकाता, दानापुर (पटना), खड़की (पुणे), लोहगांव (पुणे), पालमपुर, बरेली, कोल्हापुर, योल, विशाखापत्तनम, जयपुर, गुंटूर, बैरकपुर, चेन्नई, गोरखपुर, पटियाला, नोएडा, भोपाल, कोच्चि, वेल्लोर और रांची की क्लिनिक में की जाएगी। इस फैसले से इन शहरों में पूर्व सैन्यकर्मियों और उनके आश्रितों के लिए रात के दौरान भी तत्काल चिकित्सा की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
नई दिल्ली, 09 मई (हि.स.)। सशस्त्र बलों के कमांडर और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश में कोविड संकट के समय डॉक्टरों की कमी को देखते हुए भारतीय सेना में 400 पूर्व चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती को मंजूरी दे दी है। यह भर्तियां 11 महीने के लिए अनुबंध के आधार पर ’टूर ऑफ ड्यूटी’ योजना के तहत की जानी है। नियुक्तियां होने से देश के 51 ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक रात के समय भी खुल सकेंगे, जिससे पूर्व सैन्यकर्मियों और उनके आश्रितों को 24 घंटे चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी।
रक्षा मंत्रालय ने 27 अप्रैल को पूर्व सैन्यकर्मियों और उनके आश्रितों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए देश के 51 ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक में अतिरिक्त अनुबंध कर्मचारियों की अस्थायी भर्ती को मंजूरी दी थी। इस पर मंत्रालय ने सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक को सेना चिकित्सा कोर से रिटायर हो चुके 400 चिकित्सा अधिकारियों को ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ योजना के तहत भर्ती करने का आदेश दिया था। कोविड संकट से समय डॉक्टरों की कमी को देखते हुए भारतीय सेना ने इसकी मंजूरी के लिए सशस्त्र बलों के कमांडर और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास प्रस्ताव भेजा था। राष्ट्रपति ने सेना चिकित्सा कोर से रिटायर हो चुके 400 चिकित्सा अधिकारियों की 11 माह के लिए भर्ती की स्वीकृति दे दी है।
रक्षा मंत्रालय प्रवक्ता के मुताबिक सेना की ’टूर ऑफ ड्यूटी’ योजना के तहत भर्ती किये जाने वाले इन 400 चिकित्सा अधिकारियों को एक निश्चित मासिक एकमुश्त राशि का भुगतान किया जायेगा। इसके लिए सेवानिवृत्ति के समय मिल रहे मूल वेतन में मौजूदा समय में मिल रही पेंशन राशि की कटौती करके भत्ता दिया जायेगा। इसके अलावा यह भी शर्त रखी गई है कि संविदा के आधार पर भर्ती किए जाने वाले चिकित्सा अधिकारियों को नागरिक मानकों के अनुसार चिकित्सकीय रूप से फिट होना चाहिए।
सेना ने भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना के तहत देशभर में 51 ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक खोल रखे हैं, जहां 55 लाख पूर्व सैनिकों का इलाज किया जाता है। अभी तक यह पॉलीक्लिनिक सिर्फ दिन में ही खुलते थे लेकिन कोविड-19 मामलों में आयी तेजी के बीच इन्हें रात में भी खोले जाने की जरूरत महसूस की गई है। इसलिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले माह 51 ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक में अधिकृत कर्मचारियों के अतिरिक्त अनुबंध कर्मचारियों के लिए अस्थायी भर्ती को मंजूरी दी थी। इन ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक में एक-एक चिकित्सा अधिकारी, नर्सिंग असिस्टेंट, फार्मासिस्ट, वाहन चालक और चौकीदार को अनुबंध कर्मचारियों के रूप में सामान्य कामकाज के घंटों के अलावा रात्रि ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा।
प्रवक्ता के मुताबिक इन अनुबंध कर्मचारियों की तैनाती लखनऊ, दिल्ली कैंट (बीएचडीसी), बेंगलुरु (शहरी), देहरादून, कोटपूतली, अमृतसर, मेरठ, चंडीगढ़, जम्मू, नई दिल्ली (लोधी रोड), सिकंदराबाद, आगरा, अंबाला, ग्रेटर नोएडा, गुरदासपुर, पुणे, त्रिवेंद्रम, जालंधर, कानपुर, गुड़गांव, गुड़गांव (सोहना रोड), होशियारपुर, मोहाली, चंडीमंदिर, इलाहाबाद, गाजियाबाद (हिंडन), पठानकोट, जोधपुर, लुधियाना, रोपड़, तरणतारन/पट्टी, कोलकाता, दानापुर (पटना), खड़की (पुणे), लोहगांव (पुणे), पालमपुर, बरेली, कोल्हापुर, योल, विशाखापत्तनम, जयपुर, गुंटूर, बैरकपुर, चेन्नई, गोरखपुर, पटियाला, नोएडा, भोपाल, कोच्चि, वेल्लोर और रांची की क्लिनिक में की जाएगी। इस फैसले से इन शहरों में पूर्व सैन्यकर्मियों और उनके आश्रितों के लिए रात के दौरान भी तत्काल चिकित्सा की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।