दिहाड़ी मजदूर पिता की मुख्‍यमंत्री और स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री से गुहार, बचा लें बेटे की जान

झारखंड मुख्य समाचार
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प्रशांत अंबष्‍ठ

बोकारो। दिहाड़ी मजदूर जगदीश प्रजापति का 21 वर्षीय बेटा पवन प्रजापति दो साल से किडनी रोग से ग्रस्‍त है। जगह-जगह इलाज करान के दौरान काफी खर्च हो चुका है। अब बेटे का इलाज कराने में वह सक्षम नहीं हैं। उसने मुख्‍यमंत्री और स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री से बेटे की जान बचाने की गुहार लगाई है।

जानकारी के मुताबिक बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड की साड़म पश्चिमी पंचायत निवासी जगदीश प्रजापति का 21 वर्षीय पुत्र पवन प्रजापति पिछले दो वर्षों से किडनी रोग से ग्रस्त है। शुरुआती दिनों में जगदीश ने अपने पुत्र का इलाज स्थानीय चिकित्सकों से कराया। इसके बाद चिकित्सकों की सलाह पर हजारीबाग स्थित एक निजी अस्पताल में लगभग छह महीने तक इलाज कराया। वहां इलाज के बावजूद सुधार होने की बजाय स्थिति दिनों दिन खराब होती गई।

पुत्र की स्थिति में सुधार नहीं होता देख जगदीश पुत्र को रिम्स लेकर गए। वहां चिकित्सकों ने बताया कि उसके पुत्र की एक किडनी में स्टोन है, जबकि दूसरी किडनी अपने सामान्य आकार से छोटी है। कई महीनों तक इलाज चलने के बावजूद उसकी स्थिति में सुधार नहीं होता देख चिकित्सकों ने पवन का इलाज एम्स अथवा बंगलुरू में कराने की सलाह दी है। गरीबी की मार से त्रस्‍त जगदीश कहीं जाने के बजाये अपने पुत्र को वापस अपने घर साड़म ले आये। इलाज के अभाव में उसके पुत्र की हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है।

लाचार जगदीश प्रजापति ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्‍ना गुप्‍ता से अपने बीमार पुत्र की जान बचाने की गुहार लगाई है। उन्‍होंने कहा कि वह दिहाड़ी मजदूर हैं। मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। बीते वर्ष कोरोना की वजह से सही तरीके से मजदूरी नहीं मिल पाई थी। इस वर्ष भी कोरोना काल में उन्हें सही ढंग से रोजगार नहीं मिल सका है। ऐसे में अपने परिवार का पेट कैसे भरे। इसकी चिंता ज्यादा सता रही है।

जगदीश ने कहा है कि रोजगार बंद है। जेब मे पैसे नहीं है। पुत्र का इलाज कराए भी तो कैसे। थोड़े बहुत पैसे थे वे भी पुत्र के इलाज में खत्म हो गए। स्थिति ऐसी है कि अब तो कोई कर्ज भी नहीं देता है। अस्पतालों में जाते हैं तो वहां पैसे की डिमांड होती है। पैसा नहीं तो इलाज भी नहीं कहकर अस्पतालों से वापस भेज दिया जाता है। उन्होंने जनप्रतिनिधि एवं समाजसेवियों से भी पुत्र की जान बचाने की गुहार लगाई है।