भभुआ। कोरोना कहर बरपा रहा है फिर भी जरूरतें इस लॉकडाउन में लोगों को बाहर निकलने के लिए मजबूर कर रही हैं।तभी तो बारिश में भीग कर भी सामानों की खरीदारी लोग कर रहे हैं।शहर में बुधवार की सुबह छह बजे से रिमझिम बारिश शुरू हो गई, जो रूक-रूककर पांच-छह घंटों तक होती रही। इसके बावजूद लोग सड़कों पर जमे थे। किसी को कोरोना संक्रमण का भय नहीं था। कोई सब्जी-फल तो कोई किराना सामग्री की खरीददारी करने में व्यस्त था।
ना ही किसी को कोरोना संक्रमण का भय था और न ही बारिश से भींगने से बचने की फिक्र थी। लोगों को इस बात की भी चिंता नहीं थी कि बारिश से उन्हें सर्दी-जुखाम हो सकता है, जो कोरोना संक्रमण के लिए काफी खतरनाक है। शहर के एकता चौक व सब्जी मंडी रोड में तो ऐसा लग रहा था कि बुधवार के समान की खरीदारी करने के बाद लोगों को अब कुछ दिन के लिए बाहर निकलना नहीं है। सब्जी व फलों के ठेले के पास काफी संख्या में लोग जमा हो जा रहे थे। वह इस कदर ठेले के पास खड़े हो रहे थे कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना मुश्किल हो गया था।
सब्जियों के ठेले भी आपस में इतने करीब लगे थे कि एक-दूसरे ठेले के ग्राहक आपस में सटकर खरीदारी कर रहे थे। एकता चौक पर खड़े पुलिस जवान जब सड़कों पर घूमते थे तब लोग इधर-उधर हो जाते थे। लेकिन, जैसे ही वह दूर जाते थे फिर वही स्थिति उत्पन्न हो जाती थी। कोरोना संक्रमण से लोगों को सावधान करने के लिए चलाए जा रहे जागरुकता अभियान से भी इन्हें सीख नहीं मिल रही है। शहर की स्थिति अगर ऐसी ही बनी रही तो कोरोना संक्रमण के चेन को तोड़ना मुश्किल हो सकता है।दुकानों के खुलने के सीमित समय से लोगों में खरीदारी के लिए होड़ मची दिखती है।
शहरवासियों की जरुरत को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने जरुरी दुकानों को खोलने और अन्य दुकानों को बंद करने का निर्देश दिया है। साथ हीं जरुरी दुकानों को सुबह दस बजे के बाद बंद करने की बात कही गई है। इसके बावजूद शहर में प्रतिबंधित दुकानें खुल रही हैं। दुकानों पर ग्राहक भी पहुंच रहे हैं।