नई दिल्ली। हाल ही में देश में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी (टेक्नोलॉजी) दिवस मनाया गया। इस अवसर पर ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफार्म ब्रेनली ने 1,500 से अधिक भारतीय छात्रों के बीच में एक पोल किया। इस पोल के दौरान प्लेटफॉर्म ने बच्चों से टेक्नोलॉजी को लेकर उनकी राय, प्राथमिकताएं और प्रवृत्तियों के बारे में पूछा। इसमें 72% छात्रों ने बताया कि प्रोडक्ट इंजीनियरिंग, डेटा एनालिटिक्स जैसे टेक-बेस्ड सब्जेक्ट्स को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए।
ब्रेनली के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर राजेश बिसानी ने कहा, ‘टेक्नोलॉजी को सबसे अच्छे से सीखा जा सकता है, यदि इसे वास्तविक दुनिया के उदाहरणों के साथ मजेदार तरीके से पढ़ाया जाए। यह देखकर अच्छा लगता है कि भारत में इतने सारे छात्रों ने टेक्नोलॉजिकल कॉन्सेप्ट्स को सीखने में गहरी रुचि डेवलप की है। छात्र एक डिजिटल भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं और उन्हें टेक्नोलॉजी का पता लगाने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान किया जाना चाहिए। इसलिए, उन्हें स्किल ओरिएंटेड लर्निंग एप्रोच के दृष्टिकोण का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण है।’
सर्वे से सामने आए ये तथ्य
टेक्नोलॉजी को अपनाने के लिए तैयार छात्र : करीब 72% छात्रों ने कहा कि तकनीक आधारित विषय जैसे प्रोडक्ट इंजीनियरिंग, डेटा एनालिटिक्स और कोडिंग को स्कूल के पाठ्यक्रम का हिस्सा होना चाहिए। अन्य 47% छात्रों ने निर्णायक रूप से कहा कि किसी भी स्ट्रीम में टेक्नोलॉजी का अध्ययन महत्वपूर्ण हो गया है।
इसमें छात्रों ने दिखाई अपनी रुचि : 52% भारतीय छात्र टेक्नोलॉजी में अपना कैरियर बनाने में रुचि रखते थे। सर्वे में रिस्पॉन्स देने वाले केवल 30% ने ही दूसरी स्ट्रीम्स को प्राथमिकता दी। 59% छात्रों ने आगे खुलासा किया कि वे कोड, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा और अन्य तकनीकी अवधारणाओं को सीखने में रुचि रखते थे।
अप-स्किलिंग में कोई कसर नहीं छोड़ना : भले ही देश में लॉकडाउन जारी है, लेकिन भारतीय छात्र सीखने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। आधे से अधिक छात्रों (54%) ने कहा कि उन्होंने लॉकडाउन के दौरान तकनीक से संबंधित पाठ्यक्रमों में अपना नॉमिनेशन कराया था।
इंटरनेट का युग : इस सर्वे यह बात उभरी कि इंटरनेट देश के लिए सच्चा संबल बन रहा है। खासकर जब तकनीकी विषयों का अध्ययन करने की बात आती है। लगभग 41% छात्रों ने महसूस किया कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ने उन्हें इस संदर्भ में सबसे ज्यादा मदद की। उनके कुछ पसंदीदा विकल्पों में यूट्यूब चैनल, एडटेक ऐप्स और ब्लॉग शामिल थे। उनमें से 20% ऑफलाइन कक्षाओं के साथ गए। 15% ने अपने माता-पिता की मदद ली। उनमें से 8% अपने दोस्तों व साथियों पर निर्भर थे।