- ईसीआरकेयू और एआईआरएफ ने जताई नाराजगी, आंदोलन की दी धमकी
धनबाद। कोरोना महामारी से चारों ओर हाहाकार मचा है। रेलवे में 1 लाख से ज्यादा कर्मचारी संक्रमित हैं। लगभग 2 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। इन हालातों के बीच रेलवे बोर्ड ने कार्य अध्ययन के नाम पर देश भर में 13,450 पदों को सरेंडर करने का निर्णय लिया है। बोर्ड ने सभी रेल जोनों को टारगेट दिया है। बोर्ड के इस आदेश से ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन (ईसीआरकेयू) और आल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) ने नाराजगी जताई है। यूनियन ने पदों को सरेंडर करने का विरोध करते हुए इस आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग की है।
ईसीआरकेयू के अध्यक्ष सह धनबाद मंडल के पीएनएम प्रभारी डीके पांडेय ने बताया कि पोस्ट सरेंडर करने का मुद्दा एआईआरएफ की स्टेंडिंग कमेटी की 26 मई को वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई बैठक में जोर-शोर से उठाया गया। ईसीआरकेयू सहित सभी जोनल यूनियनों ने सरकार के इस निर्णय पर आपत्ति जताई। तत्काल इस मामले में सीआरबी के समक्ष आपत्ति व्यक्त करने की मांग की। इसके बाद एआईआरएफ महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने चेयरमैन रेलवे बोर्ड को पत्र लिखा है, जिसमें कोरोना महामारी के इस आपाताकाल के समय पदों को सरेंडर करने के आदेश को अनुचित बताते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की है।
पांडेय ने बताया कि रेलवे बोर्ड ने पिछले दिनों देश भर में 13,450 पदों को समाप्त करने का टारगेट सभी रेल जोनों को दिया है। इसमें पूर्व मध्य रेलवे में 400 पदों को समाप्त किया जाना है। यूनियन ने इस बात का जबर्दस्त विरोध जताया है। कोरोना की महामारी के बीच रेल कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर देश की लाइफ लाइन रेल को चला रहे हैं। देश में लोगों को रसद की आपूर्ति सुनिश्चित रहे और प्राणवायु आक्सीजन भी मिलती रहे। इस महामारी में 2 हजार से ज्यादा रेल कर्मचारियों का निधन हुआ है। इसके बाद भी रेलवे ने असंवेदशील रवैया अपनाते हुए पदों को सरेंडर करने का आदेश दिया है। रेल मंत्रालय की उदासीनता के कारण स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने रेलवे कर्मचारियों को फ्रंटलाइन कर्मचारी की श्रेणी में स्थान नहीं दिया है। इससे कर्मचारी हतोत्साहित हुए हैं। इसे यूनियन बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं करेगी। यूनियन ने अपना विरोध एआईआरएफ के माध्यम से रेलवे बोर्ड के समक्ष जता दिया है।
फेडरेशन के महामंत्री ने अपने पत्र में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को स्पष्ट कर दिया है कि 20 मई 2021 के सरेंडरीकरण के लेटर को तत्काल वापस लें, अन्यथा इससे औद्योगिक अशांति की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। साथ ही फेडरेशन के साथ बैठक कर इस मामले का उचित निदान करें। उक्त जानकारी ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के मीडिया प्रभारी एनके खवास ने दी।