वीडियो निगरानी प्रणाली से मार्च तक जुड़ जाएंगे 756 रेलवे स्टेशन

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नई दिल्ली। भारतीय रेलवे के 756 स्टेशन अगले साल मार्च तक आधुनिक वीडियो निगरानी प्रणाली (वीएसएस) से जुड़ जाएंगे। निर्भया फंड से देश के तमाम स्टेशनों पर यात्री सुरक्षा को और पुख्ता बनाने के लिए सीसीटीवी से लैस किया जा रहा है। मुख्यालय में बैठ कर इस सुविधा से जुड़े किसी भी स्टेशन का लाइव देखा जा सकता है। आरपीएफ के जवान 24 घंटे कंट्रोल रूम में बैठकर इसकी मॉनीटरिंग कर पाएंगे।

दक्षिण मध्य रेलवे के 17 स्टेशनों के लिए वीएसएस नियंत्रण कक्ष शुरू

दक्षिण मध्य रेलवे के महाप्रबंधक गजानन मल्लया ने सोमवार को दक्षिण मध्य रेलवे के 17 स्टेशनों के लिए एकीकृत वीडियो निगरानी प्रणाली (वीएसएस) नियंत्रण कक्ष का उद्घाटन किया। यह केंद्रीकृत नियंत्रण कक्ष अब 10 जोनों (पूर्व मध्य रेलवे, दक्षिणी रेलवे, दक्षिण पश्चिम रेलवे, पश्चिम रेलवे, पश्चिम मध्य रेलवे, मध्य रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे, उत्तर पश्चिम रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे और दक्षिण-मध्य रेलवे) में लाइव है। शेष 6 जोनों में कार्य प्रगति पर है।

रेलटेल ने 10 रेलवे जोनों में वीएसएस के लिए केंद्रीकृत सुरक्षा नियंत्रण कक्ष का काम किया पूरा

रेलटेल ने 10 रेलवे जोनों में आईपी आधारित वीडियो निगरानी प्रणाली (वीएसएस) के लिए केंद्रीकृत सुरक्षा नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का काम पूरा कर लिया है। ये केंद्रीकृत नियंत्रण कक्ष संबंधित जोनों के स्टेशनों पर रेलटेल द्वारा स्थापित वीएसएस से वीडियो फीड दिखाएंगे।

स्टेशनों पर 4 प्रकार के आईपी कैमरे लगाए जा रहे

परियोजना के बारे में रेलटेल के सीएमडी पुनीत चावला ने कहा, ‘हम मार्च’ 22 तक 756 स्टेशनों का कार्य पूरा कर लेंगे। रेलवे परिसर के भीतर अधिकतम कवरेज सुनिश्चित करने के लिए 4 प्रकार के आईपी कैमरे (डोम टाइप, बुलेट टाइप, पैन टिल्ट जूम टाइप और अल्ट्रा एचडी- 4के) स्थापित कर रहे हैं। इससे सुरक्षा में सुधार के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) अधिकारियों को अतिरिक्त सहायता मिलेगी। सीसीटीवी कैमरों से वीडियो फीड की रिकॉर्डिंग 30 दिनों के लिए संग्रहीत की जाएगी।। इस वीडियो निगरानी प्रणाली से रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों और रेलवे संपत्ति की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित होने की संभावना है।

निर्भया फंड का इस्तेमाल कर परियोजना को किया जा रहा क्रियान्वित

रेलवे बोर्ड ने रेलटेल को सभी ए1, ए, बी, सी, डी और ई श्रेणी के रेलवे स्टेशनों और प्रीमियम ट्रेनों तथा उपनगरीय ईएमयू के डिब्बों में आईपी आधारित वीडियो निगरानी प्रणाली (वीएसएस) उपलब्ध कराने और कैमरा फीड को एकीकृत करने के लिए केंद्रीकृत नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का काम सौंपा है। महिलाओं को बेहतर सुरक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से निर्भया फंड का उपयोग करके इस परियोजना को क्रियान्वित किया जा रहा है। 

456 से अधिक स्टेशनों के लिए टेंडर जारी, मार्च 22 तक पूरा होगा काम

रेलटेल द्वारा वर्तमान में 269 स्टेशनों पर आईपी आधारित वीडियो निगरानी प्रणाली (वीएसएस) उपलब्ध करायी जा चुकी है। 31 और स्टेशनों पर कार्य प्रगति पर है और इसे शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा। रेलटेल ने 456 स्टेशनों पर इस कार्य के लिए टेंडर भी जारी किया है।

स्टेशनों के सीसीटीवी और वीडियो फीड की 3 स्तरों पर होगी निगरानी

इन सीसीटीवी को ऑप्टिकल फाइबर केबल के माध्यम से नेटवर्क किया जा रहा है और सीसीटीवी कैमरों की वीडियो फीड न केवल स्थानीय रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) चौकियों पर प्रदर्शित की जा रही है बल्कि इन्हें डिवीजनल और जोनल स्तर पर एक केंद्रीकृत सीसीटीवी नियंत्रण कक्ष में भी प्रदर्शित किया जा रहा है। रेलवे परिसरों में अधिक संरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्टेशनों के सीसीटीवी कैमरों और वीडियो फीड की निगरानी 3 स्तरों पर की जा रही है। कैमरे, सर्वर, यूपीएस और स्विचों की निगरानी के लिए नेटवर्क प्रबंधन प्रणाली (एनएमएस)  भी उपलब्ध करायी गई है जिसे अधिकृत कर्मियों द्वारा किसी भी वेब ब्राउज़र से देखा जा सकता है।