नई दिल्ली। भारत के पश्चिमी तट पर चक्रवात तूफान ताउते के दौरान समुद्री लहरों में फंसकर एफकॉन्स कंपनी का जहाज बार्ज पी-305 डूबने के बाद अबतक 49 शव बरामद किये जा चुके हैं जबकि अभी भी 26 लोग लापता हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चक्रवाती तूफान ताउते से प्रभावित क्षेत्रों में तीनों सेनाओं और भारतीय तटरक्षक बल के चल रहे खोजबीन एवं बचाव अभियानों को सराहा है। भारतीय नौसेना तथा भारतीय तटरक्षक बल ने तूफ़ान आने के बाद पिछले चार दिनों में 600 से अधिक लोगों को बचाया है। राजनाथ सिंह अभी भी नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और भारतीय तटरक्षक के महानिदेशक के. नटराजन के साथ लगातार संपर्क में हैं।
रक्षा मंत्री ने चक्रवाती तूफान ताउते के आने से पहले 17 मई को एक समीक्षा बैठक के दौरान सशस्त्र बलों को चक्रवात का मुकाबला करने और नागरिक प्रशासन को हर संभव सहायता देने का निर्देश दिया था। भारतीय नौसेना के जहाज एवं विमान अभी भी मुंबई से 35 मील दूर डूबे बार्ज पी-305 जहाज के लापता चालक दल के 38 सदस्यों का पता लगाने के लिए खोजबीन और बचाव (एसएआर) अभियान चौथे दिन भी चला रहे हैं। इस खोजबीन व बचाव अभियान में आईएनएस कोच्चि, कोलकाता, ब्यास, बेतवा, तेग, पी-8आई समुद्री निगरानी विमान, चेतक, एएलएच और सीकिंग हेलीकॉप्टर भी शामिल हैं।
आईएनएस तलवार को भी राहत और बचाव कार्य में सहायता प्रदान करने के लिए डायवर्ट किया गया है। भारत के पश्चिमी तट पर चक्रवात तूफान ताउते के दौरान समुद्री लहरों में फंसकर एफकॉन्स कंपनी का जहाज बार्ज पी-305 डूबने के बाद गुरुवार दोपहर तक 49 शव बरामद किये जा चुके हैं जबकि अभी भी 26 लोग लापता हैं। गुजरात तट के करीब आईएनएस तलवार ने सपोर्ट स्टेशन 3 और ड्रिल शिप सागर भूषण की मदद की थी, जिन्हें अब ओएनजीसी के सपोर्ट जहाजों से वापस सुरक्षित मुंबई लाया जा रहा है। इन जहाजों के 300 क्रू मेंबर्स को मुंबई से आए नौसैनिक हेलीकॉप्टरों ने भोजन और पानी भी उपलब्ध कराया है।
भारतीय तटरक्षक के जहाज भी खोजबीन और बचाव अभियान में शामिल हैं और उन्होंने केरल, गोवा और लक्षद्वीप तटों के करीब से विभिन्न मछली पकड़ने वाली भारतीय नौकाओं जैसे बधरिया, जीसस, मिलाद, क्राइस्ट भवन, परियानायकी एवं नोवस आर्क के चालक दलों को सुरक्षित लाने में भूमिका निभाई है। आईसीजी तथा भारतीय नौसेना के जहाजों ने न्यू मैंगलोर बंदरगाह के करीब सिंगल पॉइंट मूरिंग (एसपीएम) संचालित हो रहे एमवी कोरोमंडल सपोर्टर-IX के चालक दल के नौ सदस्यों को निकालने के लिए आपसी समन्वय में काम किया। आईसीजीएस सम्राट दमन से दो इंडियन कोस्टगार्ड हेलीकॉप्टर एवं आईएनएस शिकारा से भारतीय नौसेना के एक सीकिंग हेलो ने एमवी जीएएल कंस्ट्रक्टर पर सवार 137 कर्मियों को सुरक्षित निकाल लिया, जो बिजली की अनुपलब्धता के कारण मुंबई के उत्तर में समुद्र की ओर फंसा हुआ था।
इससे पहले भारतीय वायु सेना ने एनडीआरएफ के करीब 400 कर्मियों और 60 टन उपकरणों को अहमदाबाद ले जाने के लिए अपने परिवहन विमानों सी-130जे और एएन-32 को तैनात किया था। भारतीय सेना ने इंजीनियर टास्क फोर्स के साथ दीव के लिए जामनगर से दो कॉलम टुकड़ियां तैनात की थीं। किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए सेना ने जूनागढ़ के लिए दो और कॉलम टुकड़ियों को बढ़ाया था। चक्रवात प्रभावित इलाकों में सड़कों को साफ करने और जरूरतमंदों को भोजन और आश्रय देने के काम में भी सेना के जवान लगे थे।