- संयुक्त शिक्षा सचिव से प्रभारी चयन की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की
रांची। उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में स्थाई प्रधानाध्यापकों के पदस्थापन होने तक अस्थाई व्यवस्था के तहत प्रभारी प्रधानाध्यापकों के चयन में प्राथमिक शिक्षकों की सेवाशर्तों एवं अहर्ताओं को नजरंदाज किया गया है। माध्यमिक शिक्षकों को मध्य विद्यालयों का भी प्रभारी बनाए जाने का विभागीय आदेश है। इससे प्राथमिक शिक्षकों में रोष व्याप्त है। उक्त बातें अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के सदस्यों ने कही। इसपर आपत्ति जताई। संघ के प्रदेश अध्यक्ष बिजेंद्र चौबे और मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने संयुक्त रूप से 1 अप्रैल को संयुक्त शिक्षा सचिव गरिमा सिंह से मिलकर आपत्ति जताई। तत्काल इस आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाने की मांग की।
संघ ने कहा कि नई व्ययवस्था के तहत उत्क्रमित उच्च विद्यालयों के नवनियुक्त माध्यमिक शिक्षकों को ही उस विद्यालय की प्राथमिक शाखा का भी प्रभारी बनाए जाने का प्रावधान किया गया है। जबकि दोनों अलग-अलग निदेशालयों के अधीन कार्यरत भिन्न सेवा संवर्ग से आते हैं। इस कारण प्राथमिक शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षक सेवा संवर्ग में प्रोन्नत्ति नहीं दी जाती है। साथ ही, दोनों संवर्ग के शिक्षकों की नियुक्ति और प्रोन्नत्ति के लिए भिन्न शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक योग्यता निर्धारित है। ऐसे में प्राथमिक शिक्षकों की सेवाशर्तों के ऊपर माध्यमिक शिक्षक सेवाशर्त को अधिस्थापित करना न्यायसंगत नहीं है।
संघ ने संयुक्त सचिव को सभी बिंदुओं से अवगत कराते हुए प्राथमिक शिक्षकों की सेवाहितों को अक्षुण्ण रखते हुए उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में चल रहे मध्य विद्यालयों में प्राथमिक शिक्षकों को प्रभारी बनाए रखने और माध्यमिक शाखा के लिए माध्यमिक शिक्षकों को प्रभारी बनाए जाने की मांग की। संघ ने यह भी कहा कि अस्थाई प्रभारी प्रधानाध्यापकों से काम चलाने की परंपरा को विराम दिया जाए। तत्काल शिथिल पड़ी प्रोन्नत्ति को गति देते हुए लंबी सेवानुभव एवं अहर्ताधारी प्राथमिक शिक्षकों को प्रधानाध्यापकों के रिक्त पदों पर पदस्थापित किया जाए।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष बृजेन्द्र चौबे, महासचिव राममूर्ति ठाकुर और मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि प्रभारी प्रधानाध्यापकों के चयन के लिए निर्गत आदेश विसंगतिपूर्ण है। इसे तत्काल स्थगित किया जाए। प्राथमिक शिक्षकों की सेवाहितों के अनुरूप मध्य विद्यालय के लिए पृथक प्रभारी नियुक्त किए जाए।