सरला बिरला विश्वविद्यालय में सात दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का समापन

झारखंड
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रांची। सरला बिरला विश्वविद्यालय में सात दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का समापन मंगलवार को हो गया। रांची स्थित आईआईटीई एवं झारखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में 14 अप्रैल से यह चल रहा था।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सरला बिरला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ गोपाल पाठक ने कहा कि जीवन में हर दिन नई चुनौतियां आती रहती हैं। उनका सामना करने की साहस और क्षमता निर्माण ही एक सफल शिक्षक का कर्तव्य है। मनुष्य जीवन पर्यंत शिक्षार्थी बना रहता है। चुनौतियों को अवसर में बदलने की क्षमता एक शिक्षक के अंदर होती है। एक सफल शिक्षक जीवन में आने वाली हर चुनौतियों का सामना करने के लिए सदैव तत्पर रहता है।

बतौर मुख्य अतिथि झारखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ प्रदीप कुमार मिश्रा ने कहा कि शिक्षक होना गर्व का विषय है। योग्य शिक्षक ही अच्छे नागरिक एवं राष्ट्र का पुनर्निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने शिक्षकों को कर्तव्यनिष्ठ होने की अपील की। उन्होंने कहा कि बच्चों का मूल्यांकन करना कठिन विषय है और महत्वपूर्ण भी है। ऑनलाइन माध्यम से उचित मूल्यांकन होना संभव नहीं है।

विशिष्ट अतिथि आईईटीई के निदेशक प्रो डॉ केके ठाकुर ने कहा कि दुनिया में वांछित परिवर्तन के वाहक शिक्षक ही होते हैं। शिक्षक सर्वत्र सम्मानित होता है, जो अपनी पूरी क्षमता को छात्रों को निखारने में लगा देता है।

कुलसचिव प्रो डॉ विजय कुमार सिंह ने प्रतिभागियों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में शामिल सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। अतिथि का स्वागत एवं परिचय डीन आईडी व सीएस प्रो संजीव बजाज ने किया।  कार्यक्रम का संचालन योग के सहायक प्राध्यापक प्रो निलाचल ने किया। सत्र का सारांश एवं मुख्य बिंदुओं की चर्चा डीन प्रो श्रीधर बी दंडीन ने की। उन्होंने बताया कि इस प्रोग्राम में 100 से ज्यादा प्रतिभागियों ने शामिल होकर अपने शिक्षण कौशल को बढ़ाया। धन्यवाद प्रबंधन की सहायक प्राध्यापक डॉ पूजा मिश्रा ने किया।

इस अवसर पर डॉ राधा माधव झा, डॉ संजीव कुमार सिन्हा, डॉ संदीप कुमार, डॉ मृदाणिश झा, डॉ मेघा सिन्हा, डॉ रिया मुखर्जी, प्रो प्रो अशोक अस्थाना, प्रो राहुल वत्स, डॉ संजीव कुमार, डॉ भारद्वाज शुक्ल, डी अम्बा सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्राध्यापक एवं रिसर्च स्कॉलर्स उपस्थित थे।