जनजातीय समूहों की गरीबी होगी दूर, जलवायु परिवर्तन का दुष्प्रभाव भी होगा कम

देश नई दिल्ली
Spread the love

  • जनजातीय विकास के लिए ‘ट्राइफेड’ ने ‘द लिंक फंड’ से मिलाया हाथ

नई दिल्‍ली। जनजातीय लोगों के सशक्तिकरण में मुख्य संस्था के रूप में काम कर रही ट्राइफेड का ध्यान भारत में जनजातीय लोगों की आजीविका और उनके जीवन को बेहतर करने के लिए नए विकल्पों और उपायों की तलाश पर है। इसी उद्देश्य से ट्राइफेड ने ‘जनजातीय परिवारों की टिकाऊ आजीविका’ संबंधी एक परियोजना पर जनहित में कार्यरत संस्था ‘द लिंक फंड’ के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका उद्देश्य जनजातीय समूहों में अति गरीबी को दूर करना और जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करना है।

ट्राइफेड और द लिंक फंड ने 29 अप्रैल, 2021 को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इसके अंतर्गत दोनों संगठन साथ मिलकर जनजातीय समूहों के विकास और उनके द्वारा निर्मित किए जा रहे उत्पादों में गुण संवर्धन के लिए मदद उपलब्ध कराकर रोजगार सृजन, टिकाऊ आजीविका के लिए कार्य करेगा। इसके साथ-साथ उनकी आय बढ़ाने के लिए मूल्य संवर्धन, कौशल प्रशिक्षण और सूक्ष्म वन उत्पादों के लिए गुण संवर्धन, उनके द्वारा तैयार किए जा रहे वन उत्पादों में विविधिकरण के लिए तकनीकि हस्तक्षेप से सहायता उपलब्ध कराएंगे।

एमओयू पर ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक प्रवीर कृष्ण और द लिंक फाउंडेशन के सह संस्थापक एवं सीईओ टोनी काम द्वारा हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर ट्राइफेड और द लिंक फाउंडेशन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

इस सहयोग के अंतर्गत दोनों संगठन महिला केंद्रित बुनियादी ढांचा विकसित करने और नवाचार और नव उद्यमिता के लिए मिलकर काम करेंगे। द लिंक फंड संस्था का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जेनेवा में स्थित है। यह अत्यंत पिछड़े समुदायों में गरीबी उन्मूलन और जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से उनको बचाने के लिए काम करती है।

ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक प्रवीर कृष्ण ने कहा कि ट्राइफेड जनजातीय लोगों के जीवन और उनकी आजीविका को बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध है।

द लिंक के सीईओ टोनी काम ने कहा कि द लिंक, ट्राइफेड के नेतृत्व में इस साझेदारी के तहत काम करने को लेकर उत्साहित है। हम ट्राइफेड के साथ मिलकर विस्तृत परियोजना क्रियान्वयन योजना और प्रभावी कार्यान्वयन तथा धन के खर्च इत्यादि के लिए बजट का अनुमान तैयार करेंगे। द लिंक फंड इस कार्यक्रम में अपनी तकनीकि विशेषज्ञता को लागू करने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस परियोजना के लिए अपने संगठन की प्रतिबद्धता को दोहराया।

दोनों टीमें ट्राइफेड और द लिंक फंड तत्काल विस्तृत कार्य योजना तैयार करेंगी। इसकी साप्ताहिक आधार पर समीक्षा की जाएगी। दोनों संगठनों के सदस्यों की एक परियोजना परिचालन समिति का गठन भी किया जा रहा है। भारत सरकार के संबन्धित नियामक प्राधिकरण से स्वीकृति मिलते ही वित्तीय समावेशन शुरू हो जाएगा। इस साझेदारी के सफल क्रियान्वयन के साथ ही ट्राइफेड का लक्ष्य आदिवासी लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने में योगदान करना होगा।