रांची में कोरोना विस्फोट पर सांसद ने राज्य सरकार पर उठाए सवाल

झारखंड
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  • खाली बेड की झूठी सूचना देकर जनता को गुमराह कर रही सरकार

रांची। रांची के सांसद संजय सेठ ने कोरोना संक्रमण से रांची और पूरे झारखंड की विस्फोटक होती स्थिति पर चिंता जताई है। राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। श्री सेठ ने कहा है कि पहले लोगों को अस्पताल में बेड नहीं मिल रहे थे। अब अंतिम संस्कार के लिए भी जगह नहीं मिल रही है। यह पूरी तरह से राज्य सरकार की विफलता है। कितनी दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि राज्य के स्वास्थय मंत्री यह स्वीकार कर रहे हैं कि दवाओं की कालाबाजारी हो रही है। मंत्री कह रहे हैं कि यदि बेड कम पड़े तो निजी अस्पतालों को टेकओवर करेंगे। जबकि प्रतिदिन यह खबर आ रही है कि अस्पतालों में बेड नहीं है। मरीज एंबुलेंस में पूरे शहर का चक्कर लगा रहे हैं। काल के गाल में समा जा रहे हैं।

सेठ कहते हैं कि रांची की स्थिति विस्फोटक हो चुकी है, परंतु सरकार के मंत्री अनर्गल बयानबाजी में व्यस्त हैं। राज्य सरकार की अपनी व्यवस्था होती है। उसपर ध्यान देना चाहिए। राज्य को दुरुस्त करने पर ज्यादा काम करना चाहिए। एक तरफ राज्य की जनता बेहाल है, तो दूसरी तरफ सरकार के मंत्री केंद्र सरकार से पैकेज मांगने की बात कर रहे हैं। रेलवे ने 200 बेड तैयार कर रखे हैं, परंतु इसके उपयोग के लिए काम करने की फुर्सत राज्य सरकार को नहीं है। इनके मंत्रियों को मरीजों के हित में इस आइसोलेटेड बेड का उपयोग हो, इसका ध्यान नहीं है।

सांसद ने कहा कि बहुत अजीब बात लगती है कि संक्रमण काल में जब राज्य को बेड की व्यवस्था ठीक रखनी चाहिए, तब मंत्री पैकेज की मांग कर रहे हैं। समझ में नहीं आता है कि सरकार के मंत्री करना क्या चाह रहे हैं? आए दिन उच्च न्यायालय द्वारा झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर टिप्पणी की जा रही है, परंतु दुर्भाग्य है कि इनके आंख-कान नहीं खुल रहे हैं।

सेठ ने कहा कि बात-बेबात केंद्र सरकार को कोसने वाले मंत्रियों को जवाब देना चाहिए कि 1 साल में कोरोना से बचाव के लिए उन्होंने अपने स्तर पर क्या काम किया? हर बात में केंद्र सरकार को दोष देना इनकी आदत बन चुकी है, ताकि अपनी जिम्मेवारी से भाग सके। जनता ने यदि उन्‍हें जनादेश दिया है तो यह जिम्मेवारी भी निभानी होगी। यदि सिर्फ केंद्र को ही दोष देना है, सिर्फ राजनीति ही करनी है तो इन्हें सत्ता छोड़ देना चाहिए।

यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि राज्य की राजधानी में बेड के अभाव में रात के 2 बजे तक एंबुलेंस पर मरीज शहर के अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं। सरकार अस्पताल में बेड खाली होने की झूठी सूचना देकर जनता को गुमराह कर रही है। यह राज्य की सरकार का सबसे अमानवीय चेहरा है। समय अभी भी नहीं बीता है सरकार रांची को बचाने के लिए कड़े कदम उठाए। अपने स्तर से प्रयास करें। मैं इस बात को लेकर आश्वस्त करता हूं कि केंद्र सरकार हर कदम पर राज्य के साथ है, परंतु राज्य को अपनी व्यवस्थाएं ठीक करनी होगी।