स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस को मिली ​पांचवीं पीढ़ी की पाइथन-5 मिसाइल

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नई दिल्ली।​ देश की हवाई ताकत में बुधवार को ​तब ​और इजाफा ​हो गया है जब ​​स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस को ​​पांचवीं पीढ़ी की पाइथन-5 मिसाइल मिल गई।​ ​​एलसीए तेजस ने पहली बार ​​गोवा में ​​पाइथन-5​​ ​मिसाइल ​दागकर ​​उच्च गति वाले पैंतरेबाजी ​​हवाई लक्ष्य पर सी​धा हमला ​करके नष्ट कर दिया​। ​​परीक्षण में ​100% ​खरी उतरी पाइथन मिसाइल ने ​अपनी क्षमता साबित करने के साथ ही सभी नियोजित उद्देश्यों को पूरा किया।​ ​विमान से प्रक्षेपास्त्र के सफलतापूर्वक अलग होने संबंधी परीक्षणों के बाद ​​रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और परीक्षण से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी है।​​  

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान (डीआरडीओ) ने बुधवार को बताया कि इस परीक्षण का लक्ष्य तेजस पर पहले से ही एकीकृत​ हवा से हवा में मार करने वाली डर्बी बियॉन्ड विजुअल रेंड (बीवीआर) की बढ़ी हुई क्षमता को सत्यापित करना था।​ ​​डीआरडीओ ने कहा कि मंगलवार को गोवा में किए गए इस परीक्षण से विभिन्न चुनौतीपूर्ण परिदृश्यों में इसके​ ​परीक्षणों की श्रृंखला पूरी हुई।​ ​पांचवीं पीढ़ी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल पाइथन-5 को राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम ने निर्मित किया है। हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के परिवार में पाइथन-5 सबसे नई सदस्य है। यह मिसाइल दुश्मन के विमानों को बहुत कम दूरी से और अदृश्य होकर निशाना बना सकती है। पाइथन-5 का विकास 1990 के दशक में शुरू हुआ था। पाइथन-5 इजरायली वायुसेना की सबसे सटीक और विश्वसनीय मिसाइल है और दुनिया में सबसे परिष्कृत निर्देशित मिसाइलों में से एक है। 

पेरिस एयर शो के दौरान ​​जून, 2003 में​ ​​पहली बार इस मिसाइल का अनावरण किया गया था। इस मिसाइल ने विकासात्मक और परिचालन परीक्षण कार्यक्रम के दौरान बेहतर लक्ष्य का पता लगाने और ट्रैकिंग क्षमताओं का प्रदर्शन किया। ​लेबनान युद्ध के दौरान अगस्त, 2006 में पाइथन-5 ने पहला ऑपरेशनल किल चलाया था। मिसाइल को एफ-16 लड़ाकू फाल्कन से दागा गया था और हिजबुल्लाह द्वारा शुरू की गई एक ईरानी निर्मित अबाबील-टी यूएवी को नष्ट कर दिया था। अक्टूबर 2012 में इजरायली वायुसेना के लड़ाकू विमान एफ-16आई से लॉन्च की गई पायथन मिसाइल ने एक मानवरहित हवाई वाहन को इजरायली हवाई अंतरिक्ष में घुसपैठ करने से सफलतापूर्वक रोक दिया था। इजरायली वायुसेना ने लॉकहीड मार्टिन लाइटनिंग II लड़ाकू विमानों को पाइथन-5 मिसाइलों से लैस करने की योजना बनाई है।​​

डीआरडीओ के मुताबिक इससे पहले बेंगलुरु में तेजस में लगी विमानन प्रणाली के साथ प्रक्षेपास्त्र के एकीकृत होने के आकलन के लिए व्यापक हवाई परीक्षण किए गए। इनमें लड़ाकू विमान की वैमानिकी, फायर-नियंत्रण रडार, प्रक्षेपास्त्र आयुध आपूर्ति प्रणाली, विमान नियंत्रण प्रणाली शामिल हैं। पाइथन-5 में पाइथन-4 मिसाइल की एरोडायनामिक एयरफ़्रेम शामिल है। पायथन-5 दोहरी उपयोग वाली मिसाइल है जो हवा से हवा और सतह से हवा में मिशन के लिए उपयुक्त है। यह एक पांचवीं पीढ़ी के आधुनिक सॉफ्टवेयर और उड़ान नियंत्रण प्रणाली को एकीकृत करता है। पाइथन-5 की लंबाई 3.1 मीटर, विंग की लंबाई 64 सेमी. और व्यास 16 सेमी. है। मिसाइल का वजन 105 किलो है। यह 11 किलो तक का उच्च विस्फोटक वारहेड ले जा सकती है। पायथन-5 में उच्च क्षमता वाला नया इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इन्फ्रारेड लगा है जिससे यह अपने लक्ष्य का आसानी से पता लगा सकती है। लक्ष्य की पहचान के बाद ही टर्मिनल चेस के लिए लॉक-ऑन करता है। 

इन मिसाइलों को नेशनल फ्लाइट टेस्ट सेंटर (एनएफटीसी) से संबद्ध भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के टेस्ट पायलटों द्वारा उड़ाए गए एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के तेजस विमान से दागा गया था। यह सफल परीक्षण सीईएमआईएलएसी, डीजी एक्यूए, आईएएफ पीएमटी, एनपीओ (एलसीए नेवी) और आईएनएस हंसा के सराहनीय सहयोग के साथ-साथ एडीए और एचएएल-एआरडीसी के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और तकनीशियनों की टीम के वर्षों की कड़ी मेहनत की वजह से संभव हुआ।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, एडीए, भारतीय वायुसेना, एचएएल की टीमों और इस परीक्षण में शामिल सभी लोगों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने विभिन्न संगठनों, वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और तकनीशियनों के प्रयासों की सराहना की।