1 मई से शुरू होने वाले टीकाकरण के लिए दिशा-निर्देश जारी, जानें विस्‍तार से

देश नई दिल्ली मुख्य समाचार
Spread the love

नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार ने 1 मई से शुरू होने वाले टीकाकरण के लिए राज्‍य और केंद्र शासित प्रदेशों को दिशा-निर्देश जारी किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और प्रौद्योगिकी एवं डाटा प्रबन्धन संबंधी सशक्त समूह के अध्यक्ष डॉ आरएस शर्मा ने शनिवार को नई टीकाकरण रणनीति (चरण-3) के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर राज्‍य एवं केंद्र शासित प्रदेशों की कार्य योजना की समीक्षा की।

डॉ शर्मा ने बताया कि को-विन प्लेटफॉर्म अब स्थिर हो गया है। बिना किसी बाधा के व्यापक स्तर पर काम कर रहा है। 1 मई से शुरू होने वाले टीकाकरण के नए चरण की जटिलताओं को संभालने के लिए यह प्लेटफॉर्म पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों की तरफ से निर्धारित समय पर और सही डाटा अपलोड करने के महत्व पर प्रकाश डाला, क्योंकि किसी भी गलत डाटा की वजह से पूरे सिस्टम इसका नुकसान उठाना पड़ेगा।

राज्य/ केंद्र शासित प्रदेशों को दी गई सलाह

निजी अस्पताल, औद्योगिकी इकाई के अस्पतालों, औद्योगिक संघों आदि के साथ संपर्क स्थापित कर मिशन मोड में अतिरिक्त निजी कोविड टीकाकरण केंद्रों (सीवीसी) का पंजीकरण। संबंधित प्राधिकरणों के साथ समन्वय, पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान विलंब से बचने के लिए आवेदन/निवेदन, प्रोसेसिंग और निगरानी के लिए प्रभावी तंत्र विकसित किया जाए।

जिन अस्पतालों ने वैक्सीन की खरीद कर ली है और कोविन प्लेटफॉर्म पर स्टॉक और कीमत की घोषणा कर दी है, ऐसे अस्पतालों की संख्या की निगरानी करें।

कोविन प्लेटफॉर्म पर टीकाकरण स्लॉट की पर्याप्त दृश्यता प्रदान करने के लिए पात्र आबादी का निर्धारित समयानुसार टीकाकरण।

राज्य/ केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों द्वारा वैक्सीन को सीधे कंपनियों से खरीदने के बारे में प्राथमिकता के आधार पर निर्णय लेना।

इस संदेश का अधिक से अधिक प्रचार करें कि 18 से 45 आयु वर्ग के पात्र लोगों के लिए ‘केवल ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन’ की सुविधा उपलब्ध है।

टीकाकरण, एईएफआई रिपोर्टिंग और प्रबंधन, कोविन के उपयोग के बारे में सीवीसी स्टाफ को प्रशिक्षित करें – प्रशिक्षण कार्यक्रम और वैक्सीन स्टॉक्स संबंधी समाधान निजी सीवीसी को पहले ही प्रदान किया जा चुका है।

सीवीसी पर आने वाली भीड़ के प्रभावी प्रबन्धन के लिए कानून एवं व्यवस्था संबंधी प्राधिकरणों के साथ समन्वय स्थापित करें।

अस्पताल में भर्ती कोविड मरीज़ों के प्रभावी क्लिनिकल उपचार के लिए अस्पातलों के बुनियादी ढांचे में वृद्धि के बारे में राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी गई कि वे रोजाना दर्ज होने वाले कोविड के नए मामलों, कोविड से रोज़ाना होने वाली मौतों और जिनको अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत है, इन तीनों बिन्दुओं को के आधार पर अपने अस्पतालों और कोविड उपचार संबंधी वर्तमान बुनियादी ढांचे की समीक्षा करें।

बुनियादी सुविधाओं में इजाफा को लेकर सलाह

अतिरिक्त डेडिकेटेड कोविड-19 अस्पतालों की पहचान करें। डीआरडीओ, सीएसआईआर, अथवा सरकारी एवं निजी क्षेत्र की ऐसी एजेंसियों की मदद से फील्ड हॉस्पिटल फैसिलिटी तैयार करें।

ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड और ऑक्सीजन सप्लाई की पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित करें। बेड के आवंटन के लिए सेंट्रलाइज़्ड कॉल सेंटर आधारित सेवा शुरू करें।

उचित प्रशिक्षण प्राप्त पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों की तैनाती और मरीजों के प्रबंधन तथा एम्बुलेंस सेवाओं को सशक्त बनाने के लिए डॉक्टर्स और नर्सों को परामर्श।

अतिरिक्त एंबुलेंस की तैनाती के माध्यम से जिन जि‍लों में बुनियादी ढांचे की कमी है। वहां के मरीजों को रेफर करके अन्य ज़िलों में आसानी से पहुंचाया जा सके।

बेड के आवंटन के लिए सेंट्रलाइज्‍ड कॉल सेंटर आधारित सेवा शुरू की शुरुआत।

राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को ये सलाह भी दी गई हैं:

उपलब्ध बिस्तरों के संबंध में रियल-टाइम रिकॉर्ड तैयार करना और यह सुनिश्चित करना कि आम जनता को ये बेड आसानी से उपलब्ध हों।

कोविड-19 मरीजों की देखभाल के लिए निजी स्वास्थ्य सुविधाओं को टेक-ऑवर करने संबंधी दिशा-निर्देश बनाकर संबंधित सरकारी संस्थाओं को ऐसा करने के लिए सक्षम बनाएं।

बिना लक्षण वाले और हल्के लक्षण वाले मरीज़ों के आइसोलेशन के लिए समर्पित कोविड-19 देखभाल सुविधाओं का विस्तार करें, ताकि जो मरीज़ घर पर आइसोलेट नहीं हो सकते और/ अथवा जो लोग संस्थानगत आइसोलेशन की इच्छा रख रहे हैं, उन्हें ऐसे निर्धारित स्थान पर उचित देखभाल मिल सके।

होम आइसोलेशन वाले मरीजों को टेलिफोन के माध्यम से दवाइयां उपलब्ध कराने की व्यवस्था (टेलि-मेडिसिन) प्रदान करें।

प्रशिक्षित डॉक्टर्स की निगरानी में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर्स और आईसीयू की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें, साथ ही स्टेरॉयड्स और अन्य जरूरी दवाओं की उपलब्धता और उन तक पहुंच भी सुनिश्चित करें।

बड़े अस्पतालों में अस्पताल परिसर के अंदर ही ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की दिशा में काम करें।

कोविड-19 से जंग में अपनी ज़िम्मेदारी निभा रही आशा वर्क और अन्य फ्रंटलाइन कर्मचारियों को उचित और नियमित पारिश्रमिक (तनख्वाह) दें।