सूरत और दीव के बीच अपनी तरह की पहली क्रूज सेवा प्रारंभ हुई

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गुजरात। सूरत और दीव के बीच अपनी तरह की पहली क्रूज सेवा प्रारंभ हुई। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख मंडाविया ने सूरत के हजीरा बंदरगाह से दीव के लिए क्रूज सेवा को झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर मंडाविया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत सरकार का क्रूज पर्यटन के विकास प्रमुख रूप से ध्यान केंद्रित है।

मंडाविया ने कहा कि 2014 से पहले भारतीय बंदरगाहों पर केवल 139 क्रूज सेवा ही संचालित होती थी। आज देश में कोविड-19 महामारी के बावजूद 450 क्रूज सेवाए हैं। 2014 के बाद से क्रूज सेवा द्वारा यात्रा करने वाले पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। 2014 से पहले क्रूज सेवा द्वारा यात्रा करने वाले पर्यटकों की संख्या एक लाख थी। साल 2019-20 में इन पर्यटकों की संख्या बढकर 4.5 लाख हो गई थी।

मंडाविया ने कहा कि भारतीय समुद्र तट पर क्रूज पर्यटन उद्योग के लिए एक बड़ी क्षमता है। भारत के पश्चिमी तट (मुंबई, गोवा, कोच्चि) और पूर्वी तट (विशाखापट्टनम, कोलकाता, चेन्नई) दोनों पर 6 अंतर्राष्ट्रीय क्रूज टर्मिनलों को स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है। दक्षिण गुजरात और गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के बीच फेरी, रोरो और रोपैक्स सेवाओं के विकास के बारे में आशा व्यक्त करते हुए कहा कि अत्याधुनिक नौका टर्मिनलों और क्रूज सेवा में आधुनिक सुविधाओं के साथ जल परिवहन, राज्य के परिवहन का नया भविष्य है।

क्रूज सेवा से समुद्री यात्रा में एक तरफ का समय लगभग 13 से 14 घंटे का समय लगता है। क्रूज में 300 यात्रियों की क्षमता है। इसमें 16 केबिन हैं। यह क्रूज एक सप्ताह में दो चक्कर लगाएगा। क्रूज में खेलने का स्थान, वीआईपी लाउंज, डेक पर मनोरंजन और अन्य आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। एक तरफ की यात्रा के लिए प्रति व्यक्ति 900 रुपये और करों का खर्च आएगा।