देव स्‍थल को लेकर विवाद, थाना में शिकायत, जानें क्‍या है मामला

झारखंड धर्म/अध्यात्म
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प्रशांत अंबष्‍ठ

बोकारो। जिले के गोमिया प्रखंड अंतर्गत पलिहारी गुरुडीह पंचायत के कोठिटाड गांव में स्थित राहु पूजा स्थल विवादों में आ गया है। इसे लेकर दो पक्षों ने मारपीट का मामला गोमिया थाना में दर्ज कराया गया है। प्रथम पक्ष में गोमिया पंचायत के कुम्हार टोली निवासी गीता देवी पति राजेंद्र स्वर्णकार हैं। उन्‍होंने थाना में लिखित आवेदन देकर कोठीटाड एवं केंदुआ कोचा के कुछ ग्रामीणों के विरूद्ध मारपीट और गाली गलौज करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया है।

शिकायत में कहा है कि गीता देवी जब अपने पुत्र सुकेश कुमार एवं सास बिंदा देवी के साथ अपनी जमीन की साफ सफाई करने पहुंचे, तब ग्रामीणों द्वारा विरोध किया गया। पुत्र सुकेश कुमार के साथ गाली गलौज किया गया।

द्वितीय पक्ष ग्रामीण बसंत पासवान ने उक्त महिला पर आरोप लगाते हुए थाना में आवेदन देकर केस दर्ज कराया है। आवेदन में कहा है कि उक्त महिला के सारे आरोप बेबुनियाद हैं। जब इसके पुत्र सुकेश कुमार द्वारा राहु पूजा स्थल में लगे बोर्ड को सब्बल से उखाड़ा जा रहा था, तब कुछ ग्रामीण महिला-पुरुष सहित मैंने इसका विरोध किया। इस क्रम में सुकेश कुमार द्वारा सीधे सब्बल से मेरे ऊपर वार किया। मैं बाल-बाल बच गया। उक्त महिला एवं उसके पुत्र गाली गलौज देकर जान से मारने की धमकी देने लगे। गोमिया थाना में दोनों पक्षों का केस दर्ज कर लिया गया है।

गौरतलब है कि बेरमो अनुमंडल स्तरीय सार्वजनिक राहु पूजा का आयोजन 27 अप्रैल की तिथि को तय हुआ था। पूजा की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई थी। हालांकि कोविड-19 के मद्देनजर इस आयोजन को स्थगित कर दिया गया है। पूजा के दौरान इस स्थल पर मेला भी लगता है। आसपास एवं दूर-दराज के क्षेत्रों से सैकड़ों की संख्या में महिला-पुरुष की भारी संख्या में भीड़ उमड़ती है। इस संदर्भ में कुछ ग्रामीणों का कहना है कि हम लोगों के पूर्वज कई पीढ़ियों से इस स्थल पर राहु पूजा करते आए हैं। हम लोग भी परंपरागत तरीके से राहु पूजा का आयोजन इस स्थान पर करते हैं। इस स्थल पर राहु पूजा सार्वजनिक रूप से एवं निजी रूप से ग्रामीणों द्वारा की जाती है।

कोठिटाड के ग्रामीण बताते हैं कि राहु बाबा हम लोगों के पूर्वज हैं, और हम सभी उन्हीं के वंशज हैं। इस पूजा स्थल पर राहु बाबा का स्थान एवं पीडिया बाबा का स्थान एक ही जगह पर स्थापित किया गया है। जो कि कुल 34 डिसमिल जमीन पर अवस्थित है। और यह सार्वजनिक धार्मिक स्थल है। इस स्थल पर किसी अन्य का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं किया जाएगा।