भाकपा राज्य परिषद सदस्य और संस्‍कृतिकर्मी उमेश नजीर की कोरोना से मृत्‍यु

झारखंड
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रांची। झारखंड के जाने-माने राजनीतिक-सामाजिक लीडर और संस्कृतिकर्मी उमेश नजीर कोरोना वायरस से लड़ते हुए जीवन की जंग हार गये। वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी झारखंड राज्य परिषद के सदस्य थे। इलाज के दौरान रिम्स में रविवार को उन्‍होंने अंतिम सांस ली।

भाकपा के झारखंड राज्य सचिव भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि उमेश नजीर का इस तरह असमय जाना सिर्फ हमारी पार्टी के लिए ही नहीं, बल्कि झारखंड के तमाम जन-सांस्कृतिक आंदोलनों के लिए भी बहुत भारी क्षति है। उन्होंने राज्य पार्टी की ओर से उनके परिवार को सहायतार्थ एक लाख रुपये आर्थिक मदद प्रदान करने और बच्चों की पढ़ाई के लिए हर संभव  सहयोग देने की घोषणा की है।

उमेश नजीर ने औपचारिक तौर पर 1986 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्यता ली थी। वे राज्य परिषद के सदस्य होने के साथ-साथ रांची जन नाट्य संघ में सांस्कृतिक मोर्चे पर बहुत सक्रियता से कार्य कर रहे थे। राजनीतिक, सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय होने के साथ-साथ उमेश झारखंड के अनेक जनांदोलनों और सामाजिक संगठनों को नेतृत्व प्रदान करने का काम भी कर रहे थे।

एक संस्कृतिकर्मी के तौर पर उमेश नज़ीर ने अनेक नाटकों, गीतों, समूह गानों, नुक्कड़ नाटकों और सांस्कृतिक कार्यशालाओं में सक्रियतापूर्वक शामिल रहे हैं। गत 20 मार्च, 2021 को रामगढ़ में आयोजित जनवादी गीत कार्यशाला में उन्होंने मुख्य वक्ता के तौर पर अपना आखिरी भाषण दिया था। वे स्वतंत्र पत्रकार भी थे। जनलेख नामक पोर्टल के लिए नियमित तौर पर जनसरोकार के मुद्दों पर लिखते थे। इसके अलावा अनेक पत्र-पत्रिकाओं में उनके आलेख और रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

कार्यालय सचिव अजय सिंह ने कहा कि उनका जाना भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के लिए  अपूरणीय क्षति है। इनकी कमी खेलेगी। भाकपा के राष्ट्रीय सचीव अतुल कुमार अनजान, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी झारखंड राज्य परिषद के सचिव सह पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता, सहायक सचिव महेंद्र पाठक, राजेंद्र यादव, रांची जिला सचिव अजय कुमार सिंह, पूर्व राज्य सचिव केडी सिंह, कोषाध्यक्ष पीके पांडेय, राज्य परिषद सदस्य सुशील स्वतंत्र, डॉ बीएन ओहदार, सूरजपत सिंह, रुचिर तिवारी, प्रमोद साव, प्रेम प्रकाश, आफताब आलम, ईफतेखार अहमद,  मेहुल मृगेंद्र, फरजाना फारुकी,  प्रो मिथलेश सिंह, गौतम चौधरी सहित राज्य परिषद के सभी सदस्यों ने उनके असमय निधन पर शोक प्रकट किया। उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। उनके सम्मान में भाकपा पार्टी कार्यालय में झंडा झुका दिया गया है।

भाकपा के बोकारो जिला के पूर्व सचिव और बोकारो इस्पात कामगार यूनियन के 80 वर्षीय मजदूर नेता एके अहमद का भी निधन बोकारो में हो गया। उनके निधन पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने शोक प्रकट किया है। उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है। इस दुख की घड़ी में पूरी पार्टी दिवंगत साथियों के परिवारों के साथ खड़ी है।