
प्रशांत अंबष्ठ
बोकारो। जिले के गोमिया प्रखंड का अमन गांव पहाड़ी की ऊंची चोटी पर बसा 48 परिवार का गांव आज भी आदम युग में जीने को मजबूर है। बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क किसी तरह की कोई सुविधा यहां नहीं है। यह गांव झुमरा एक्शन प्लान के दायरे में आता है। हालांकि सरकार की कल्याणकारी योजना इनके लिए महज दिवास्वप्न बनी हुई है।
ग्रामीण संजय महतो बताते हैं कि पहले वाली स्थिति आज भी है। अमन से डनरा तक 5 किलोमीटर रोड बनाने के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं। विधायक को आवेदन दिये हुए हैं। विधायक उसे आगे भेज चुके हैं। हालांकि इसके बाद कोई पहल नहीं हो रही है। पानी के लिए से घर से 1 किलोमीटर दूर जाना होता है। टंकी या पाइप से घर तक पानी पहुंचाने से बहुत राहत होती।
ग्रामीणों ने बताया कि किसी व्यक्ति की तबियत बहुत ज्यादा खराब हो जाने से चारपाई या खटिया के सहारे अमन से दनरा उतारा जाता है। उसके बाद हॉस्पिटल ले जाना पड़ता है। रोड नहीं होने के वजह से काफी समय लग जाता है। इसकी वजह से मरीज की परेशानी बढ़ जाती है। जल्दी डॉक्टर के पास नहीं पहुंच पाते हैं।
ग्रामीण कोलश्वर महतो ने बताया कि झुमरा पहाड़ से अमन के बीच सिमरा बेड़ा पड़ता है। वहां पर एक बड़ा पुल बन रहा है। इसका कार्य कई महीनों से बंद है। बारिश में काफी परेशानी होती है। यह पुल बन जाता तो दिक्कत नहीं होती। ज्यादा बारिश होने से रात में लोगों को नदी का उस पार ही बिताना पड़ता है।
समाजसेवी संजय महतो, कालेश्वर महतो, बिरेंद्र महतो, ज्ञानचंद महतो, मनोज महतो, लक्ष्मण महतो, दिनेश महतो, संदीप महतो, विशेश्वर महतो, देवा महतो, नोनू चंद्र महतो, विनोद महतो बासुदेव महतो मुकेश महतो इत्यादि का कहना है कि झुमरा एक्शन प्लान में अमन गाव होने के बावजूद आज तक यहां के निवासियों को पीएम आवास से दूर रखा गया है। अब तक मात्र चार लोगों को ही इस योजना का लाभ मिला है। आज भी 25 से 30 लोग इसकी बाट जोह रहे हैं।