शिक्षा की राह में सबसे बड़ा रोड़ा शैक्षणिक वातावरण के प्रति उदासीनता है : राज्‍यपाल

झारखंड शिक्षा
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  • झारखंड राज्य में व्यवसायिक शिक्षा के अवसर और चुनौतियां : झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की भूमिका विषय पर गोष्‍ठी

रांची। राज्‍यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड प्राकृतिक संपदा एवं अद्भुत मानव संसाधनों से भरा-पूरा समृद्ध राज्य हैl  यहां श्रम और प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। जरूरत है सिर्फ इन महत्वपूर्ण संसाधनों को समायोजित करने की। गरीबी और बेरोजगारी के अतिरिक्त शिक्षा की राह में सबसे बड़ा रोड़ा शैक्षणिक वातावरण के प्रति उदासीनता का भाव है। समाज की विभिन्न सकारात्मक इकाइयों की तरफ से सतत जागरुकता और अनुकूल प्रेरणा के माध्यम से इस बाधा को दूर किया जा सकता है। वह शनिवार को झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के ततवावधान में आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी का उद्घाटन करने के बाद बोल रही थी। इसका विषय ‘झारखंड राज्य में व्यवसायिक शिक्षा के अवसर और चुनौतियां : झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की भूमिका’ है।

राज्‍यपाल ने कहा कि झारखंड के निवासियों में श्रम के प्रति समर्पण की अनुपम निष्ठा सर्वविदित है। श्रम की इस शाश्वत निष्ठा को तकनीकी के सहयोग से परिपुष्ट करते हुए, इसे प्रदेश की युवाशक्ति के स्वावलंबन व उन्नयन की दिशा में एक कारगर हथियार के रूप में विकसित किया जा सकता है। झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की स्थापना का स्पष्ट उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग एवं प्रबंधन में शिक्षा एवं शोध के उत्कृष्ट केंद्रों के सृजन का उन्नयन करना है। साथ ही झारखंड में स्थापित विभिन्न इंजीनियरिंग एवं तकनीकी महाविद्यालयों द्वारा दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, इंजीनियरिंग, टेक्‍नोलॉजी के क्षेत्र में शोध सुविधाओं के विकास और वैश्विक परिवर्तन एवं झारखंड की आवश्यकता के अनुकूल बनाने की दिशा में पूर्णतः कार्य करना है। झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अपने मूल लक्ष्य को यथाशीघ्र आदर्श रूप में पूर्ण करे, ऐसी मेरी शुभकामना है।

श्रीमती मुर्मू ने कहा कि वर्तमान वैश्विक आपत्ति के इस काल में समाज के सभी अंगों की तरह शिक्षा भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। इस समय में पूरे प्रदेश की तकनीकी एवं व्यवसायिक संस्थानों की शैक्षणिक गुणवत्ता बनाए रखना एक बड़ी चुनौती रही है। उन्‍होंने आशा जताई कि विश्वविद्यालय इन सभी चुनौतियों का सामना करते हुए प्रदेश में आदर्श शैक्षणिक वातावरण के सृजन का निर्माण करेगा। साथ ही, झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अपने उद्देश्यों की पूर्ति करता हुआ प्रदेश के चतुर्दिक विकास में सहभागी बनेगा।

कुलपति प्रोफेसर पीके मिश्र ने बताया कि विश्वविद्यालय ने एक संस्थान उद्योग समन्वय प्रकोष्ठ इंडस्ट्रीज पार्टनरशिप का गठन कर लिया है। इसमें समन्वयक प्रकोष्ठ इंडियन इंडस्ट्री पार्टनरशिप सेल गठन किया गया। जिसके संबंध में जमशेदपुर स्थित टिस्को के पूर्व उपाध्यक्ष आरआर झा होंगे। इस प्रकोष्ठ के तीन अनुभाग होंगे तकनीकी सेवा प्रकोष्ठ , प्रशिक्षण प्रकोष्ठ और रोजगार प्रकोष्ठ।