रांची। रांची के सिविल सर्जन कार्यालय, पीएचसी, सीएचसी से हटाये गए 155 निजी सुरक्षकर्मियों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री गुरुवार को मिला। अपनी समस्याओं से अवगत कराया। ज्ञात हो कि पिछले सरकार द्वारा इन्हें हटा दिया गया था। सभी सुरक्षाकर्मी पिछले 6-7 वर्षों से निजी एजेंसी के माध्यम से काम कर रहे थे। उन्हें मामूली वेतन 3500 रुपए पर रखा गया था। इसके के बाद इनकी मासिक राशि बढ़ाकर 6400 रुपए कर दी गई थी। बिना कारण बताए सभी सुरक्षाकर्मियों को काम से हटा दिया गया। इस कारण इनके समक्ष भूखे मरने की नौबत आ गई है।
चुनाव के समय हेमंत सोरेन ने दिया था आश्वासन
विधानसभा चुनाव के दौरान हेमंत सोरेन ने कहा था कि यदि मैं सत्ता में आया, तो हटाये गए सभी सुरक्षाकर्मियों पुनः काम पर रखा जाएगा। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी हेमंत सोरेन से सुरक्षा कर्मचारी संघ के सदस्य चार बार मिल चुके हैं। बावजूद उन्हें काम पर रखा नहीं गया है। एक बार फिर सीएम से मुलाकात करने के बाद सुरक्षा कर्मचारी संघ के सदस्य को सीएम ने आश्वासन दिया है कि बहुत जल्द आप सभी को पुनः काम पर रखा जाएगा।
दर्जनों बार स्वास्थ्य मंत्री से लगा चुके है गुहार
सभी सुरक्षा कर्मचारी सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से 19 बार मुलाकात कर चुके हैं। बावजूद इसके सिर्फ उन्हें आश्वासन दिया गया। स्वास्थ्य सचिव और सिविल सर्जन कार्यालय का चक्कर काटते-काटते सभी सुरक्षा कर्मचारियों निराश हो गए हैं।
जामताड़ा विधायक इरफान ने भी सदन में उठाया था
वहीं सुरक्षा कर्मियों के जायज मांगों को लेकर जामताड़ा के विधायक इरफान अंसारी भी कई बार इस मामले को लेकर सीएम से मिल चुके हैं। वहीं उन्होंने इस मामले को विधानसभा सत्र के दौरान भी उठाया था।