जमशेदपुर। पूर्वी सिंहभूम के पोटका प्रखंड के बड़ा तिलाईझोर गांव निवासी अनादी धल की पुत्री लोपा धल अति गंभीर कुपोषित बच्चों की श्रेणी में आ गई थी। बच्ची की मां पत्नी बसंती धल के मुताबिक जन्म के समय (21.04.2018) लोपा का वजन 2 kg था। वह नियमित सरकार आंगनबाड़ी केंद्र ले जाकर बच्ची की स्वास्थ्य जांच, वजन व बाहू माप भी कराती रहती थीं। आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चीक का वजन एवं बाहूमाप करने के दौरान ही एक दिन सेविका ने उसकी हालात पर चिंता जताई। उन्हें बच्चों में होने वाले कुपोषण को लेकर जानकारी भी दी।
बसंती कहती हैं कि कुपोषण के बारे में जानने के बाद वे परेशान हुई। हालांकि सेविका द्वारा उचित परामर्श एवं जल्द ही कुपोषण के कुचक्र से निकल जाने का आश्वासन ने उन्हें मानसिक तौर पर बच्ची की उचित देखभाल के लिए प्रेरित किया।
पोटका की बाल विकास परियोजना पदाधिकारी श्रीमती शैल बाला बताती हैं कि मामला संज्ञान में आने के बाद बच्ची की स्वास्थ्य जांच करायी गयी। इसमें उसका वजन 6.4 kg और 11 cm बहुमाप पाया गया। सुपरवाईजर से परामर्श के बाद सहिया एवं सेविका द्वारा बच्ची को नजदीकी उपचार केंद्र उपचार के लिए भेजा गया। वहां बच्ची को एएनएम द्वारा एमटीसी में मां के साथ भर्ती लिया गया। श्रीमती बाला ने बताया कि 15 दिनों तक एमटीसी में उपचार के बाद बच्ची की हालत में सुधार देखा गया। बच्ची की देखभाल के लिए उचित परामर्श और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों की जानकारी माता-पिता को देते हुए उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।
सीडीपीओ श्रीमती शैल बाला कहती हैं कि बच्चों को कुपोषण मुक्त रखने में चिकित्सीय परामर्श के साथ-साथ माता-पिता का जागरूक होना और उनका सहयोग मिलना बहुत जरूरी होता है। एमटीसी से डिस्चार्ज के बाद ससमय निर्धारित तिथियों पर बच्ची के अभिभावकों द्वारा उसका फॉलोअप कराया गया। फॉलोअप के बाद बच्ची का वजन बढ़ कर 7.095 kg और बाहूमाप 12 cm हो गया। बच्ची रेड जोन से निकलकर ग्रीन जोन में आ गई।