नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने देश के सभी बैंकों में चेक ट्रंकेशन सिस्टम लागू करने का फैसला किया है। अब तक कुछ चुनिंदा बैंकों में की शाखाओं में ही CTS लागू था। आरबीआई द्वारा जारी नोटिफिकेशन में सभी बैंकों को निर्देश दिए गए कि वे 30 सितंबर, 2021 तक इसे लागू कर ले। वर्तमान में करीब 18000 शाखाओं में यह सुविधा नहीं है।
मालूम हो आरबीआई चेक के जरिए होने वाले लेन-देन को सुरक्षित और तेज बनाने के लिए नए तरीके अपना रहा है। इसी कड़ी में चेक ट्रंकेशन सिस्टम को भी अपनाया गया है। वैसे भी नए साल से चेक से भुगतान करने के नियम बदल गए है।
आरबीआई का कहना है कि बैंक अपनी पसंद का एक मॉडल अपनाने के लिए स्वतंत्र है, जैसे कि हर शाखा में उपयुक्त बुनियादी ढांचे को तैनात करना या हब और स्पोक मॉडल का पालन करना। केंद्रीय बजट 2021 के बाद पहली मौद्रिक नीति बैठक को संबोधित करते हुए आरबीआई के गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा था कि लगभग 18000 बैंक अभी भी CTS के अधीन नहीं हैं।
CTS वर्ष 2010 से चलन में है। वर्तमान में करीब 1.5 लाख ब्रांचेस में लागू है। सितंबर से नॉन CTS क्लीयरिंग हाउसेस को भी CTS में माइग्रेड किया गया है। आरबीआई का कहना है कि बैंक की वे शाखाएं जहां अब तक CTS नहीं है, वहां ग्राहको को अधिक समय लगने के कारण कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। वहीं केंद्रीय बैंक ने 30 अप्रैल, 2021 से पहले CTS को सभी बैंक में कवर करने को लेकर रोडमैप प्रस्तुत करने को कहा है।
चेक ट्रंकेशन सिस्टम दरअसल चेक को क्लीयर करने की एक बेहद आसान प्रक्रिया है। पहले जहां चेक को फिजिकली एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाता था वही। चेक ट्रंकेशन सिस्टम के तहत इसे इलेक्ट्रॉनिक फोटो के जरिए अदाकर्ता शाखा को भेज दिया जाता है। जिसमें संबंधित जानकारी जैसे एमआईसीआर बैंड के डेटा, प्रस्तुति की तारीख, प्रस्तुत करने वाले बैंक का ब्योरा भी होता है। इससे पुरानी प्रक्रिया के तहत लगने वाला समय बचता और लागत भी।