मुंबई। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को मांग की कि मनसुख हिरेन की मौत के मामले में तत्काल पुलिस अधिकारी सचिन वझे को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। देवेंद्र फडणवीस ने विमला हिरेन का एंटी टेरोरिस्ट स्काड (एटीएस) को दिया गया बयान भी सदन में पढ़कर सुनाया। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री के साथ उनके कक्ष में डिप्टी सीएम और गृह मंत्री के साथ बैठक भी हुई है।
देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि मनसुख हिरेन की पत्नी विमला हिरेन ने मुंबई क्राइम ब्रांच को दिए अपने बयान में पुलिस अधिकारी सचिन वझे पर पति की हत्या करने का शक व्यक्त किया है। विमला हिरेन ने एटीएस को बताया है कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास जिलेटिन की छड़ों सहित बरामद की गई गाड़ी पिछले 4 महीने से पुलिस अधिकारी सचिन वझे के पास ही थी। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मनसुख हिरेन की मौत से पहले उनकी लोकेशन वसई के पास मिली है। वसई के पार्षद धनंजय मुंडे और सचिन वझे के बीच पहले से संबंध हैं और दोनों 2017 में 40 लाख रुपये की रंगदारी मामले में आरोपित हैं। दोनों को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली हुई है।
उन्होंने सवाल उठाया कि इतने स्पष्ट सबूत होते हुए भी अब तक सचिन वझे को आखिर गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है। सचिन वझे को आखिर कौन बचा रहा है। देवेंद्र फडणवीस के व्यक्तव्य के बाद परिवहन मंत्री अनिल परब ने कहा कि विपक्षी नेता महाराष्ट्र सरकार को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। सांसद मोहन डेलकर ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह मुंबई में इसलिए आत्महत्या कर रहे हैं क्योंकि महाराष्ट्र पुलिस मामले की गहन जांच करेगी। मोहन डेलकर के सुसाइड नोट में भाजपा नेताओं के नाम हैं, इसलिए इस मामले की जांच की जानी चाहिए। इसके बाद विधानसभा में पक्ष विपक्ष दोनों तरफ के विधायकों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। इसलिए पीठासीन अध्यक्ष को पहले 10 मिनट के लिए और दूसरी बार 30 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।