- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ऊर्जा विभाग के प्रस्ताव को दी स्वीकृति
रांची। झारखंड में स्थित जलाशयों पर फ्लोटिंग सोलर संयंत्र लगाया जाना है। इसके तहत पहले चरण में रांची के गेतलसूद जलाशय में एक सौ मेगावाट क्षमता का फ्लोटिंग सोलर संयंत्र लगाना है। इससे संबंधित ऊर्जा विभाग के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वीकृति दे दी है। जलाशयों पर फ्लोटिंग सोलर संयंत्र के अधिष्ठापित होने से विद्युत ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित होने के साथ जल संरक्षण में भी मदद मिलेगी।
विकास के साथ पर्यावरण प्रबंधन पर फोकस
सतत एवं समावेशी विकास के साथ साथ पर्यावरण प्रबंध को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा पारंपरिक ऊर्जा श्रोतों पर निर्भरता कम करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा श्रोतों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय सोलर मिशन 2010 शुरू किया गया है। इसके तहत केंद्र सरकार द्वारा 175 गीगावाट (एक हजार मेगावाट) नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को वर्ष 2022 तक विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें 100 गीगावाट सोलर पावर से उत्पादन करने का लक्ष्य है। इस सिलसिले में सोलर पार्क, अल्ट्रामेगा सोलर पावर प्रोजेक्ट, ग्रिड कनेक्टेड सोलर पीपी पावर प्रोजेक्ट और फ्लोटिंग सोलर संयंत्र जैसी कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
ऊर्जा स्रोत से विद्युत उत्पादन को बढ़ावा
झारखंड में भी नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत से विद्युत उत्पादन को बढ़ावा देने का कार्य कई परियोजनाओं के माध्यम से किया जा रहा है। इस कड़ी में बढ़ती विद्युत ऊर्जा की आवश्यकता को पर्यावरण प्रबंधन के साथ पूरा करने के लिए जलाशयों पर फ्लोटिंग सोलर संयंत्र का अधिष्ठापन कर विद्युत ऊर्जा उत्पादन करने के लिए ज्रेडा और सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किए गए व्यवहार्यता प्रतिवेदन (फिजिबिलिटी रिपोर्ट) के आलोक में गेतलसूद जलाशय में फ्लोटिंग सोलर संयंत्र स्थापित किया जा रहा है।