लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार तक स्थगित, शून्यकाल में उठी झारखंड में राष्ट्रपति शासन की मांग

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नई दिल्ली। लोकसभा में कांग्रेस समेत विपक्षी दलों का किसान आंदोलन के मुद्दे पर हंगामा आज भी जारी रहा। इस कारण सदन की बैठक चार बार स्थगित करनी पड़ी। हंगामें के कारण सदन में प्रश्नकाल की कार्यवाही पूरी नहीं हो सकी। कार्यवाही में चार बार अवरोध उत्पन्न होने के बाद शाम साढ़े आठ बजे बैठक शुरू हुई। पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने हंगामा कर रहे सदस्यों को अपनी सीट पर जाने को कहा औऱ शून्यकाल की कार्यवाही शुरू की। कार्यवाही पूरी होने के बाद बैठक शुक्रवार शाम चार बजे तक स्थगित कर दी गई।

शून्यकाल की कार्यवाही के दौरान भाजपा के निशिकांत दूबे ने झारखंड में महिला सुरक्षा का मामला उठाते हुए कहा कि वहां के मुख्यमंत्री पर बलात्कार का आरोप है। ऐसे में राज्य में महिलाएं कैसे सुरक्षित रह सकती हैं। उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य में साल भर में बलात्कार के चार हजार मामले दर्ज किए गए हैं। ऐसे में वहां राष्ट्रपति शासन लागू कर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।

भाजपा के ही संजय जायसवाल ने बिहार के वाल्मिकी नगर में एक चिड़िया घर खोलने की मांग की। इसके साथ ही कई अन्य सदस्यों ने शून्यकाल के दौरान महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। तत्पश्चात बैठक शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।

इससे पूर्व, दो बार के स्थगन के बाद शाम सात बजे सदन की बैठक शुरू होने पर पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने सदन के पटल पर महत्वपूर्ण दस्तावेज रखने की कार्यवाही पूरी कराई। विपक्षी सदस्यों के नारेबाजी और हंगामा के कारण उन्होंने बैठक साढ़े आठ बजे तक स्थगित कर दी। इससे पूर्व, शाम पांच बजे व छह बजे तक सदन की बैठक हंगामें के कारण स्थगित करनी पड़ी।