भारत के निर्णायक नेतृत्व से कोविड-19 में भी सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया : अनुराग ठाकुर

अन्य राज्य देश मुख्य समाचार
Spread the love

हैदराबाद । केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) के विनिवेश प्रस्ताव पर कहा कि नीति आयोग की सिफारिशों के आधार पर केंद्र समय-समय पर सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के विनिवेश के बारे में फैसला करेगा।

शनिवार को हैदराबाद में प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि केंद्र लगातार सरकारी कंपनियों के प्रदर्शन की निगरानी कर रहा था। जनता के हित में काम कर रही कंपनियों की समय-समय पर समीक्षा की जाती है और उचित निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह कहना सही नहीं है कि सभी कंपनियों का निजीकरण किया जाएगा। विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र में निवेश की वापसी से किसी को कोई नुकसान नहीं होगा। कहा कि विशाखापत्तनम इस्पात कारखाने के निजीकरण से कर्मचारियों और कंपनी के विकास में काफी वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा कि तेलंगाना राज्य को मेट्रो रेल, पानी और शिक्षा के क्षेत्र के लिए बहुत सारी निधि का आवंटन किया गया है। बताया कि आंध्र प्रदेश के पोलावरम परियोजना को केंद्र किए गए वादे के अनुसार वित्त पोषित कर रहा है। उन्होंने कहा कि निधियों के लिए पिछले पांच महीनों में राज्य के वित्त/सिंचाई मंत्रियों से बात की है। पोलावरम बांध के लिए वित्त मंत्री से बात की है। बताया कि समझौते के अनुसार धन भी आवंटित किया गया था। “तेलंगाना में रू 9172.90 हजार करोड़ से अधिक आवंटन किया गया है। राज्य को हर साल आत्मानिर्भर भारत के तहत 400 करोड़ रुपये मिलते हैं।

पूरी दुनिया ने कोरोना का सामना किया लेकिन भारत ने विशेष रूप से कोरोना का सामना किया और हम वित्तीय संकट से उबर कर आ गए।अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत के पास अब रिकॉर्ड 590 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है, जो साल भर पहले की तुलना में 119 अरब डॉलर अधिक है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही देश अब ‘शुद्ध ऋणदाता’ बन गया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी संग्रह बताता है कि अर्थव्यवस्था ठीक हो रही है क्योंकि सरकार ने जीवन और अर्थव्यवस्था को बचाने के लिये सही कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा कि भारत के निर्णायक नेतृत्व के कारण कोविड-19 के दौरान भी सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ।

उन्होंने बताया कि जनवरी में देश का जीएसटी संग्रह 1.20 लाख करोड़ रुपये के आसपास रहा है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि भारत अगले चार-पांच वर्ष में पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जायेगा। उन्होंने बजट को पारदर्शी बताते हुए इसकी मुख्य विशेषताओं की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि खतरे में अवसरों की तलाश करें। कोरोना वायरस से निपटने के लिये हमने देश में दो टीके बनाए हैं और उन्हें दूसरे देशों में निर्यात कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कई क्षेत्रों के लिए जैसे गरीबों के लिए खाद्य सुरक्षा, एमएसएमई को वित्तीय सहायता प्रदान की। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। हमने कठिनाइयों के बावजूद बजट में स्वास्थ्य के लिए अतिरिक्त आवंटन किया है।