नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कहा है कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की फांसी को उम्रकैद में बदलने की मांग पर राष्ट्रपति को फैसला लेना है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की इस दलील के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई छह हफ्ते के लिए टाल दी गई।
पिछले 25 जनवरी को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि इस मामले का दूरगामी असर हो सकता है। केंद्र ने इस पर विचार करने के लिए और समय देने की मांग की थी। पिछले 8 जनवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र से इस मामले पर जल्द फैसला लेने का निर्देश दिया था। राजोआना करीब 25 सालों से जेल में है। चार दिसंबर, 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि वो राजोआना की सजा माफी का प्रस्ताव राष्ट्रपति के पास कब भेजेगी। चीफ जस्टिस ने कहा था कि केंद्र की यह दलील समझ से परे है कि दूसरे दोषियों की अपील लंबित होने की वजह से राजोआना की सजा माफी के प्रस्ताव को भेजने में विलंब हो रहा है। उन्होंने कहा था कि दूसरे दोषियों द्वारा लंबित याचिका का गृह मंत्रालय के फैसले पर कोई असर नहीं होगा।