समृद्ध और कलात्मक जनजातीय परंपरा की झलक देखनी हो तो आएं आदि महोत्‍सव

देश नई दिल्ली
Spread the love

  • दिल्ली हाट में हर दिन सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक 15 फरवरी तक चलेगा

नई दिल्ली। दिल्ली हाट में राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव ‘आदि महोत्सव’ का शुभारंभ हुआ। यह जनजातीय समुदाय की गरिमामयी पहचान और संस्कृति को दर्शा रहा है। यहां समृद्ध एवं कलात्मक जनजातीय परंपराओं की अनुपम झलक देखने को मिल रही है। महोत्‍सव का शुभारंभ उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जनजातियों की महानता इस तथ्य में निहित है कि वे अपनी मौलिक और प्राकृतिक सादगी को बनाए रखने में कामयाब रहे हैं। जनजातीय शिल्पकारों द्वारा हाथ से बनाई गई मिट्टी की एवं प्राकृतिक शिल्प वस्तु भी हम सभी के दिल की मौलिक वृत्ति को छू जाती है।

इस अवसर पर केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा, जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह सरुता, जनजातीय कार्य मंत्रालय की सचिव एस. सुब्रमण्यम,  ट्राईफेड के अध्‍यक्ष आरसी मीणा और श्री ट्राईफेड के प्रबंध निदेशक प्रवीर कृष्ण भी मौजूद थे।

महोत्‍सव में 200 से अधिक स्टालों और देश भर के लगभग 1000 कारीगरों की अपने-अपने अनूठे कथानकों के साथ भागीदारी की है। ट्राईफेड द्वारा आयोजित यह वार्षिक जनजातीय उत्सव ‘आदि महोत्सव’ जनजातीय समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने और उन्हें अपनी अद्वितीय कला का दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का मौका देने का एक तरीका है। यह जनजातीय कारीगरों और वन धन आपूर्तिकर्ताओं के लिए अन्य कारीगरों एवं बाजार संचालकों के साथ संबंध बनाने का एक मंच भी है। राजधानी के शहरी के निवासियों के लिए, यह उत्सव जनजातीय समुदाय के प्राकृतिक तरीकों के बारे में अधिक जानने और उनकी सादगी को आत्मसात करने का अवसर है।

महोत्‍सव में पूर्वोत्तर की सुंदर दस्तकारी आभूषण, डोकरा शैली, बारीक बुनाई के वस्त्र, रेशमी वस्त्र, माहेश्वरी, एरी करवती काठी सिल्क की साड़ियां तसर सिल्क और पश्मीना शॉल, मूंज घास की बास्केट और जयपुर की ब्लू पॉटरी, चित्रकला और अन्य उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला सभी सामान एक ही स्थान पर उपलब्ध हैं। खाद्य व वन उत्पाद, हेरिटेज टेक्सटाइल और नैचुरल्स सभी उत्सव के दौरान प्रदर्शन और बिक्री के लिए मिल रहे हैं। इस उत्सव में आने वाले लोग जनजातीय भारत के साधारण लेकिन स्वादिष्ट व्यंजनों, जैसे कि थापड़ी रोटी मड्वा रोटी, लिट्टी चोखा, महुआ लडू, साबुदाना वड़ा और आदिवासी लड्डू आदि का स्वाद भी ले सकते हैं।

आदि महोत्सव नई दिल्‍ली के आईएनएस स्थित दिल्ली हाट में सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक 15 फरवरी, 2020 तक हर रोज चलेगा। लोग आदि महोत्सव में आकर और जनजातीय सामान खरीदकर ‘वोकल फॉर लोकल’ को आगे बढ़ावा दे सकते हैं।