रांची। कोल इंडिया की सहायक कंपनी सीएमपीडीआई झारखंड के गैर-कोयला खनिजों के लिए गवेषण और संबद्ध कार्य करेगी। इसके लिए सीएमपीडीआई और झारखंड के खान एवं भूविज्ञान विभाग (डीएमजी) के बीच तीन वर्षों के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। इस एमओयू से औद्योगिक कार्यों के विकास के लिए और अधिक उपयोग में लाए जाने वाले प्रमाणित भंडारों को स्थापित करने और राज्य में राजस्व बढ़ाने में सहूलियत होगी। एनएमईटी कोष से खनिज विकास का मूल्यांकन करने के लिए डीएमजी राज्य का नोडल एजेंसी है।
सीएमपीडीआई की ओर से विभागाध्यक्ष (बिजनेस डेवलपमेंट विभाग) मनोज खाडिया और खान एवं भूविज्ञान विभाग की ओर से निदेशक (भूविज्ञान) विजय कुमार ओझा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया। कोल इंडिया के अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इससे जुड़े। इस अवसर पर श्री अग्रवाल ने कहा कि इस एमओयू से खनिज संसाधनों के विकास के साथ-साथ खनिज आधारित उद्योगों के विकास के लिए खनिजों के वैज्ञानिक गवेषण और व्यावसायिक दोहन, रोजगार सृजन, राजस्व सृजन होगा। अंततः झारखंड के विकास की अपार संभावना है।
सीएमपीडीआई के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक शेखर सरन ने कहा कि सीएमपीडीआई इस एमओयू के उद्देश्यों के प्रति समर्पित और डीएमजी के साथ कार्य करता रहेगा। इस मौके पर संस्थान के निदेशक (तकनीकी/आरडीएंडटी) आरएन झा, निदेशक (तकनीकी/सीआरडी) एसके गोमास्ता सहित कई उच्चाधिकारी और डीएमजी के पदाधिकारी उपस्थित थे।