चेन्नई। झारखंड के मंत्री जगरनाथ महतो कोविड के कारण हुए फेफड़े के गंभीर संक्रमण से पूरी तरह स्वस्थ हो गए। उन्हें अस्पंताल से छुट्टी मिल रही है। यह जानकारी एमजीएम हेल्थकेयर में कार्डिएक साइंसेज के अध्यक्ष और निदेशक डॉ केआर बालाकृष्णन ने 21 जनवरी को प्रेस को दी।
डॉ केआर बालाकृष्णन ने बताया कि एमजीएम हेल्थकेयर में उनका दो तरफा फेफड़ा प्रत्यारोपण किया गया। कोविड-19 के कारण फेफड़ों के गंभीर संक्रमण के कारण प्रत्यारोपण की आवश्यकता थी। यह काम उन्होंने और हार्ट एंड लंग ट्रांसप्लांट कार्यक्रम के निदेशक ने किया था। उन्हें प्रत्यारोपण विशेषज्ञों की टीम द्वारा सहायता प्रदान की गई। इसमें डॉ सुरेश राव, डॉ श्रीनाथ और डॉ अपार जिंदल शामिल थे।
डॉक्टरों ने कहा कि मंत्री कोरोना वायरस से संक्रमित होने के अलावा उच्च रक्तचाप, मधुमेह और कोरोनरी धमनी की बीमारी से भी पीड़ित थे, जिसने इसे और ज्यादा गंभीर बना दिया था। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण होने वाले फाइब्रोसिस ने उनके फेफड़ों को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया था। उनका उपचार रेमेड्सवीर और अन्य स्टेरॉयड के साथ किया गया था। धीरे-धीरे उनकी स्थिति खराब होती गई। उनकी ऑक्सीजन की क्षमता विशेष रूप से कम हो गई थी।
डॉक्टरों ने बताया कि एमजीएम की क्लीनिकल टीम ने उनका आकलन किया। क्लीनिकल स्थिति बिगड़ने के मद्देनजर उन्हें 19 अक्टूबर 2020 को वेनो वेनस ईसीएमओ पर रखा गया। एडवांस क्लीनिकल देखभाल के लिए एमजीएम हेल्थकेयर चेन्नई के लिए एयरलिफ्ट किया गया।
श्री महतो को 28 अक्टूबर, 2020 को ट्रेकियोस्टोमाइज्ड किया गया। जब उनके सीटी स्कैन में फेफड़ों में कोई सुधार नहीं दिखा, तब उन्हें फेफड़े के प्रत्यारोपण के लिए भर्ती किया गया। ईसीएमओ पर 23 दिनों के बाद उन्हे 10 नवंबर, 2020 को दोतरफा फेफड़े के प्रत्यारोपण से गुजरना पड़ा। कोविड-19 के दौरान सामने आई चुनौतियों के बावजूद एमजीएम हेल्थकेयर ने सर्जरी की। श्री महतो अब स्वस्थ हो गए हैं। उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल रही है।
डॉ केआर बालकृष्णन ने कहा कि यह एक चुनौतीपूर्ण मामला था, क्योंकि कोविड द्वारा खराब हुए फेफड़ों के लिए अभी तक बहुत अधिक प्रत्यारोपण नहीं किए गए हैं। हालांकि, हमने मंत्री की शर्त को देखते हुए रोगी सुरक्षा और अपेक्षित रोगी परिणाम सुनिश्चित करने के लिए कुछ त्वरित निर्णय लिए। हमने अपने सामने उपलब्ध सभी विकल्पों को देखा। प्रत्यारोपण के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया। उनके फेफड़े अब अच्छी तरह से काम कर रहे हैं।
सफल फेफड़े के प्रत्यारोपण के बाद उनके ईसीएमओ को हटा दिया गया था, जिसमें उनके ऑक्सीजन स्तर में धीरे-धीरे सुधार हुआ। सर्जरी के बाद प्रत्यारोपित फेफड़े अच्छी तरह से काम कर रहे थे। उन्हें 8 दिसंबर 2020 को मशीनी वेंटिलेशन से हटा दिया गया था। अंत में 1 जनवरी 2021 को उनकी ट्रेकियोस्टोमी को हटा दिया गया था। वर्तमान में उनमे अच्छा सुधार हो रहा हैं। उनके महत्वपूर्ण पैरामीटर स्थिर हैं और निरंतर निगरानी में हैं।
इंस्टीट्यूट ऑफ हार्ट एंड लंग ट्रांसप्लांट एंड मैकेनिकल सर्कुलर सपोर्ट के सह-निदेशक डॉ सुरेश राव ने कहा कि मंत्री की स्थिति स्थिर है। उनके ईसीएमओ को फेफड़े के प्रत्यारोपण के बाद हटा दिया गया है।