शंघाई। अलीबाबा समूह के संस्थापक जैक मा चीन में बुधवार को 100 ग्रामीण शिक्षकों के साथ वीडियो मीटिंग करते दिखाई दिए। अक्टूबर, 2020 के बाद से गायब हुए जैक मा तीन महीने बाद पहली बार किसी सार्वजनिक मंच पर नजर आए हैं। ई-कामर्स अरबपति के सामने आते ही हॉन्गकॉन्ग लिस्टेड शेयरों में भारी उछाल देखने को मिला।
जैक मा ने अक्टूबर में शंघाई में दिए भाषण में चीन के ‘ब्याजखोर’ वित्तीय नियामकों और सरकारी बैंकों तीखी आलोचना की थी। उसके बाद उनका राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ विवाद भी हुआ था लेकिन इस विवाद के बाद से वे अचानक लापता हो गए थे। सोशल मीडिया पर उनके गायब होने की खबरें जमकर वायरल हुईं थी। जैक मा के बारे में रहस्य तब और गहरा गया था जब वे अपने टैलेंट शो अफ्रीका के बिजनेस हीरो के फाइनल एपिसोड में भी दिखाई नहीं दिए थे।
जैक मा ने सरकार से अपील की थी कि सिस्टम में ऐसे सकारात्मक बदलाव किए जाएं, जो कारोबार में नई चीजें शुरू करने की कोशिशों को दबाने की कोशिश न करे। उन्होंने वैश्विक बैंकिंग नियमों को ‘बुजुर्गों का क्लब’ करार दिया था। इसी भाषण के बाद चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी भड़क गई थी। जैक मा ने यह पहली बार नहीं किया था, इससे पहले 2013 में भी कम्युनिस्ट पार्टी के आधिकारिक मुखपत्र पीपुल्स डेली को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बिजनेस में चीनी सरकार के दखल की आलोचना करते हुए कहा था कि मौजूदा फाइनेंशियल सिस्टम से सिर्फ 20% लोगों को ही फायदा पहुंचता है।
उल्लेखनीय है कि इस वर्चुअल सेमिनार में जैक मा के परिचय में अलीबाबा का जिक्र नहीं किया गया। चीन में इस तरह की अफवाह भी है कि जैक मा की कंपनी अलीबाबा का नियंत्रण चीन सरकार अपने हाथ में ले सकती है।