इसरो वैज्ञानिक ने सलाहकार-उद्यान के रूप में बीएयू में दि‍या योगदान

झारखंड
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रांची। इसरो के वैज्ञानिक डॉ अंगदी रब्बानी ने मंगलवार को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में संचालित राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के तहत सलाहकार (उद्यान) के पद पर योगदान दिया। उन्होंने श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान) के वन पर्यावरण एवं बागवानी प्रभाग में वैज्ञानिक (एसजी)/ एसोसिएट प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में 32 वर्षो तक कार्य किया है।

डॉ रब्बानी का भारत के अंतरिक्ष बंदरगाह की जैव विविधता का विकास एवं संरक्षण के क्षेत्र में वनीकरण, पौधों के प्रसार के माध्यम से स्वदेशी प्रजातियों का उत्थान, द्वीपों के वनस्पतियों और जीवों का संरक्षण, तटीय आश्रय स्थल में वृक्षारोपण, वन उपज में काजु, अखरोट, आम, यूकेलीएप्टस एवं कैसुरिना के माध्यम से संघ सरकार के लिए राजस्व जुटाने में उल्लेखनीय योगदान रहा है। इसरो के लॉन्चिंग पैड के आस-पास परिदृश्य की नई सुविधाओं की योजना निर्माण एवं विकास, विभिन्न रॉकेट लॉन्च के लिए साइट कॉरिडोर क्लीयरेंस की लाइन और लॉन्च के दौरान फायर लाइन क्लीयरेंस में भूमिका रही है।

डॉ रब्बानी ने चेन्नई स्थित तमिलनाडु विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र तथा ट्रांजिट गेस्ट हाउस, राष्ट्रीय अंटार्टिका एवं महासागर अनुसंधान संस्थान गोवा, टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च पुणे, उदयपुर सौर वेधशाला, स्पेस एप्लीकेशन सेंटर अहमदाबाद, सेंटर फॉर स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी एजुकेशन फॉर एशिया पेसिफ़िक रीजन तथा दिल्ली अर्थ स्टेशन में बागवानी विकास के लिए परामर्श सेवाएं दी है।

बीते 20 वर्षो तक लगातार फरवरी में गुजरात बागवानी एसोसिएशन के सौजन्य से अहमदाबाद में फल एवं फूल शो का आयोजन किया। गुजरात के राज्यपाल से अनेकों अवार्ड एवं मोमेंटो प्राप्त किया। निदेशक, सतीश धवन स्पेस सेंटर, श्रीहरिकोटा द्वारा प्रशंसा-पत्र एवं उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किया।