रांची। नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष रांची जिले के राहे प्रखंड के कोटांगदाग में विराट टुसू मेला में लगता है। इस वर्ष कोविड-19 के कारण किसी प्रकार के मेले के आयोजन पर प्रतिबंध था। हालांकि आयोजन स्थल पर लोगों की भीड़ स्वतः उमड़ पड़ी।
स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रशासन की ओर से इस बार किसी भी प्रकार का मेले के आयोजन पर प्रतिबंध है। हालांकि लोग इस टुसू मेला का साल भर बेबाकी से इंतजार करते हैं। यही कारण रहा कि लोगों का हुजूम टोलों की शक्ल में उमड़ा। ताल पर करतब दिखाते हुए मेले का आनंद लिया। मेला की प्रचलित मुर्गा लड़ाई में कई सौ लोग अपने मुर्गा के साथ ताल ठोकते नजर आए।
मेला की खास बात यह है कि यहां किसी भी प्रकार की जुआ और शराब पर सख्त पाबंदी है। यही एकमात्र कारण है कि आसपास के ग्रामीण इलाकों की महिलाओं द्वारा इस मेला को तरजीह दी जाती है।
इस मेला की शुरुआत समाजसेवी महिंदर नाथ महतो की पहल से हुई थी। इससे सभी ग्रामीणों की सहभागिता रहती है। गांव के सभी घरों में इस दिन मेहमान आते है। एक दिन पूर्व से ही टुसू मेला की रौनक छाई रहती है।
सर्वप्रथम सुबह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर फूल चढ़ाई जाती है। उनके बताये मार्ग पर चलने की शपथ के साथ नगाड़ा बजाकर मेला का उदघाटन किया जाता है। महिलाएं हाथ जोड़कर टुसू के चारो ओर झूमती नाचते हुए मेला का भ्रमण करती हैं।